अंधा युग एक काव्य नाटक है जिसके लेखक ने पौराणिक कथा के माध्यम से आधुनिक भाग बोध का रूपांतरण किया है। इस नाटक में नाटककार ने युध्द के परिणाम धर्म-अधर्म, आदर्श-यथार्थ आदि जीवन सत्यों को शब्दायमान किया है। “अंधा युग” की कथा-वस्तु में पर्याप्त आधुनिकता झलकती है । इस काव्य-नाटक में इसके लेखक ने कथा के माध्यम से अनेक आधुनिक समस्याओं और सवालों को उठाया है । अंधा युग के अधिकांश पात्र प्रसिद्ध हैं, इस काव्य नाटक में वृद्ध याचक और गूँगा भिखारी कल्पित पात्र होते हुए भी आभिव्यक्त संवेदना को प्रकट करते हैं । तो आइये जानते है अँधा युग किसकी रचना है ? ( Andha Yug Kiski Rachna Hai ? )
Andha Yug Kiski Rachna Hai ? अँधा युग किसकी रचना है ?
धर्मवीर भारती द्वारा रचित हिंदी काव्य नाटक है ”अंधा युग”। जिसका प्रकाशन सन् 1955 ई. में हुआ था। अंधा युग महाभारत के अठारहवें दिन से लेकर श्रीकृष्ण की मृत्यु तक के पल पर आधारित है।
कौन है धर्मवीर भारती ?
धर्मवीर भारती का जन्म २५ दिसंबर १९२६ को इलाहबाद में हुआ था। यह आधुनिक हिंदी साहित्य के कवि , नाटककार , सामाजिक विचारक और लेखक रह चुके है। इन्हे सन १९७२ में पद्मश्री से सम्मानित भी किया जा चूका है । इन्होने बहुत से उन्यास , निबंध , एकांकी नाटक , काव्य रचना आदि लिखे है। मुर्दों का गाँव, स्वर्ग और पृथ्वी, चाँद और टूटे हुए लोग, बंद गली का आखिरी मकान, साँस की कलम से इनका प्रमुख कहानी संग्रह है।
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