अर्जुन के वृक्ष की छल को बहुत ही उपयोगी माना गया हैं। आयुर्वेद में अर्जुन के वृक्ष को एक औषधि के रूप में उपयोग किया जाता है। अर्जुन का पेड़ आपको कही भी आसानी से मिल जाता हैं। इसका उपयोग बहुत सी बीमारी को दूर करने के लिए किया जाता हैं। इसके सेवन करने से आप निरोग रह सकते हैं। आज हम जानेंगे कि अर्जुन की छाल की तासीर गर्म होती है या ठंडी?
अर्जुन की छाल की तासीर गर्म होती है या ठंडी
अर्जुन के पेड़ की छाल का सेवन करने से पहले आपको इसकी तासीर के बारे में पता होना चाहिए। अर्जुन की छाल की तासीर ठंडी होती हैं। इसका उपयोग मुख्यतः पेट संबधी रोगो को दूर करने के लिए किया जाता है। यह आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है जिससे सर्दी- खांसी जैसी बीमारियां नहीं होती है, यह मुँह में होने वाले छालो को आसानी से दूर करता है, इसके नियमित सेवन से आप मोटापे को कम कर सकते है, अर्जुन की छाल धमनियों में जमने वाले कोलेस्ट्रॉल और ट्रायग्लूसराइड को कम करती है, इससे दिल को रक्त पहुंचाने वाली धमनियां सुचारू काम करने लगती हैं अर्थात आपको दिल से सम्बंधित बीमारियां भी नहीं होगी, इनके अलावा डायबिटीज की बीमारी को नियंत्रित करने में अर्जुन की छाल बड़े काम की औषधि है।
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