रविंद्र में कौनसी संधि है? जानने से पहले ये जानना आवश्यक है कि संधि क्या होता है? जब दो शब्द आपस में मिलकर कोई तीसरा शब्द बनाते हैं तब जो परिवर्तन होता है उसे संधि कहते हैं। अगर इसे दूसरे शब्दों में बताया जाए तो जब दो शब्द मिलते हैं तो पहले शब्द की अंतिम ध्वनि और दूसरे शब्द की पहली ध्वनि आपस में मिलकर जो परिवर्तन लाते हैं उसे संधि कहते हैं।
रविंद्र में कौनसी संधि है?
रविंद्र में दीर्घ संधि है। ‘रविंद्र’ का अर्थ ‘सूर्य भगवान, सूरज, शानदार आदि’ होता है। रविंद्र का उचित संधि विच्छेद ‘रवि + इंद्र’ होता है। जब दो सजातीय स्वर मिलकर दीर्घ स्वर के रूप में परिवर्तित होते हैं, ऐसी संधि को दीर्घ स्वर संधि कहते हैं। इसके उदाहरण निम्नलिखित हैं :-
वेद + अंत = वेदांत
धर्म + अधर्म = धर्माधर्म
सत्य + अर्थ = सत्यार्थ
अन्न + अभाव = अन्नाभाव
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