हर दिन का एक महत्व होता है इसके लिए कुछ दिन ऐसे होते हैं जिस दिन कुछ कार्यो को करने की मनाही होती है तथा ऐसा करना अशुभ माना जाता है। जिस तरह हर दिन किसी विशेष देवता और गृह का महत्व होता है जैसे मंगलवार को हनुमान जी का दिन माना गया है तथा यह मंगल गृह का वार माना गया है उसी प्रकार बुधवार भी बुध गृह से सम्बन्धित है तथा गणेश जी का वार माना गया है। अगर आप हर कार्य दिनों को ध्यान में रख कर करते हैं तो आपको लाभ मिलता है, आज का हमारा यह लेख इसी विषय पर है और आज आप जानेंगे कि बेटी की विदाई किस दिन करनी चाहिए?
बेटी की विदाई किस दिन करनी चाहिए?
सोमवार, बुधवार तथा गुरुवार के दिन बेटी को ससुराल भेजना शुभ माना गया है तथा इसके अतिरिक्त शुक्ल पक्ष की प्रथमा, द्वितीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, नवमी, त्रयोदशी तथा चतुर्दशी तथा कृष्ण पक्ष की षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी तथा द्वादशी तिथि भी शुभ मानी गयी है।
यदि अशुभ समय में बेटी को ससुराल भेजा जाता है तो किसी भी प्रकार की हानि होने की सम्भावना रहती है तथा दुर्घटना हो सकती है इसके अलावा यह परिवार की सुख शांति पर भी प्रभाव डाल सकता है। इसके लिए अशुभ दिनों में बेटी को ससुराल भेजने से बचना चाहिए।
अन्य सावधानियां
- कभी भी ग्रहण वाले दिन मायके नहीं जाना चाहिए, आपको ससुराल में ही रुक जाना चाहिए वरना आपके साथ अशुभ होने की सम्भावना रहती है।
- अगर आपको लगता है कि किसी भी प्रकार के अशुभ संकेत मिल रहे हैं जैसे कांच का टूटना, कुत्ते का भोकना, छींक आना तो मायके से ससुराल नहीं जाना चाहिए या फिर ससुराल से मायके जाने से बचना चाहिए।
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