हमारे भारत देश में बहुत सी दाल पायी जाती हैं जैसे अरहर, दाल, मुंग दाल, मसूर दाल, चना दाल, उड़द दाल, आदि। स्वास्थ्य की दॄष्टि से सभी दालों में से चने की दाल को अधिक महत्वूर्ण माना गया हैं। चने की दाल में बहुत से पोषक तत्त्व पाए जाते हैं। भारतीय घरों में चना दाल का प्रयोग अनेक तरीको से किया जाता हैं। चने की दाल को पीस कर बेसन बनाया जाता है और इसे भी अनेक प्रकार से उपयोग करते हैं। चना दाल उपयोग करने से पूर्व ये जानना जरुरी है कि चने की दाल की तासीर गर्म होती है या ठंडी । जिससे आप चना दाल का सही से उपयोग कर पाएंगे।
चने की दाल की तासीर गर्म होती है या ठंडी?
चने की दाल की तासीर ठंडी होती है। चने की दाल को गर्मियों के दिनों में अपनी डाइट में जगह दे सकते हैं। चना दाल में हाई प्रोटीन पाया जाता हैं जो आपके शरीर में एनर्जी लेवल को सही से बनाये रखता हैं। चने की दाल आपके शरीर में आयरन की कमी को पूरा करती है। साथ ही साथ आपके शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ाने में भी मदद करती है।
कुछ और महत्वपूर्ण लेख –
- पाइनएप्पल की तासीर गर्म होती है या ठंडी?
- चीकू की तासीर गर्म होती है या ठंडी?
- किशमिश की तासीर गर्म होती है या ठंडी?
- पिस्ता की तासीर गर्म होती है या ठंडी?