क्या आपने दत्तक पुत्र के बारे में सुना है, अगर नहीं तो इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि दत्तक पुत्र का मतलब क्या होता है?
दत्तक पुत्र का मतलब क्या होता है?
जो पुत्र वास्तविक पुत्र न हो पर उसे पुत्र मान लिया गया हो या गोद लिया गया हो वह पुत्र दत्तक पुत्र कहलाता है। दत्तक पुत्र के पास वह सब अधिकार होते हैं जो एक वास्तविक पुत्र के पास होते हैं। यह सम्पत्ति में अधिकार भी रखता है तथा अपने पिता का अन्तिम संस्कार भी कर सकता है।
सन्तान के न होने के कारण दत्तक पुत्र बनाया जाता है जो कुल का उत्तरदायित्व सम्भालता है, यहा तक की वंश को आगे बढ़ाने में मदद करता है। यह पुत्र किसी धर्म विधि या क़ानून के अनुसार बनाया जा सकता है जिसके लिए कुछ नियमो का पालन भी करना पड़ सकता है।
FAQs
जिस पुत्र को गोद लिया गया हो वह दत्तक पुत्र कहलाता है।
बच्चे और भावी दत्तक माता-पिता के बीच में कम से कम 25 वर्ष का आयु अंतर होना जरुरी है।
जी हाँ! दत्तक पुत्र पैतृक संपत्ति में अधिकार रखता है।
कुछ और महत्वपूर्ण लेख –
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