जीवन में सभी व्यक्ति संतान सुख की चाहत रखते हैं। इसके अलावा, हर कोई चाहता है कि उसका बच्चा सुरक्षित, स्वस्थ, और परिवार का नाम रोशन करे। क्या आप जानते हैं कि संतान प्राप्त करने के लिए धार्मिक ग्रंथों में कुछ दिशानिर्देश दिए गए हैं? गरुड़ पुराण में उन लोगों के लिए गर्भधारण के शुभ समय का उल्लेख किया गया है जो गुणवान, सक्षम, सफल और लंबी आयु वाले बच्चे की इच्छा रखते हैं और कुछ नियमों का पालन करने की सलाह देते हैं साथ ही जानेंगे कि गरुड़ पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय क्या-क्या है? आइये इन दिशानिर्देशों के बारे में जानें।
गरुड़ पुराण के अनुसार पुत्र प्राप्ति के उपाय
मान्यता है कि सम दिनों में गर्भाधान से पुत्र और विषम दिनों में गर्भाधान से पुत्री की प्राप्ति होती है, गरुड़ पुराण के अनुसार, पुत्र रत्न की प्राप्ति के लिए महिला के मासिक धर्म समाप्त होने के 8वें, 10वें, 12वें, 14वें और 16वें दिन यानी सम दिनों के मिलन से पुत्र प्राप्ति की संभावना अधिक होती है। वहीं पुत्री प्राप्ति के लिए मासिक धर्म के विषम दिन जैसे 9वां, 11वां, 13वां, 15वां और 17वां दिन बताए गए हैं, पर मासिक धर्म के 18 वें दिन बाद मिलन से संतान प्राप्ति की संभावना बहुत कम होती है।
पुत्र प्राप्ति के लिए घरेलू उपाय
यहां कुछ घरेलू उपचार दिए गए हैं जो पुत्र प्राप्ति की संभावना बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। घर में प्रेमपूर्ण और खुशहाल माहौल बनाए रखना जरूरी है। अपने दिन की शुरुआत गायत्री मंत्र का जाप करके करे और पूर्णिमा के दिन व्रत रखें। पूजा घर को साफ सुथरा रखें। घर की उत्तर दिशा में पीपल का पेड़ लगाएं और शुक्रवार को व्रत करें। इस दिन शुद्ध और सात्विक भोजन करें और नियमित पूजा करें।
तुलसी का पौधा पवित्र माना जाता है, इसलिए इसे अपने घर में लगाएं और नियमित रूप से इसकी पूजा करें। माना जाता है कि गोमूत्र के सेवन से शरीर शुद्ध होता है और पुत्र प्राप्ति की इच्छा पूरी करने में मदद मिल सकती है। इन घरेलू उपायों को अपनाकर आप पुत्र प्राप्ति की संभावना बढ़ा सकते हैं।
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