इस लेख में बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्न का उत्तर दिया गया है वह प्रश्न है कोशिका का बिजलीघर किस अंग को कहते हैं और क्यों?
कोशिका का बिजलीघर किस अंग को कहते हैं और क्यों?
माइटोकॉण्ड्रिया को कोशिका का बिजलीघर कहा जाता है क्योकि श्वसन की क्रिया कोशिका द्रव्य जिसे साइटोप्लाज्म कहा जाता है और माइटोकाण्ड्रिया में सम्पन्न होती है। श्वसन से सम्बन्धित शुरवाती क्रियाएँ साइटोप्लाज्म में सम्पन्न होती है पर बाकि की शेष क्रियाएँ माइटोकाण्ड्रियाओं में पूर्ण होती हैं और इस अंतिम चरण में ही सबसे ज्यादा ऊर्जा उत्पन्न होती हैं इसलिए माइटोकाण्ड्रिया को कोशिका का ‘शक्ति गृह’ या पावर हाउस कहा जाता है और शरीर में जहां ऊर्जा की ज्यादा जरूरत होती है वहां माइटोकाण्ड्रिया भी अधिक संख्या में पाए जाते हैं।
माइटोकॉण्ड्रिया का आकार गोल, लम्बा या अण्डाकार हो सकता है, यह हर प्रकार की कोशिकाओं में पाई जाती हैं। इसे हिंदी में सूत्रकणिका कहा जाता है। इसके अंदर डीएनए पाया जाता है जो आवश्यकता होने पर माइटोकाण्ड्रिया की संख्या को बढाने का काम भी करता है।
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