हर लड़की को 12 साल की उम्र के बाद पीरियड्स आने लगते हैं पर कई मामलो उम्र और भी कम हो सकती है यह शरीर की बनावट और गतिविधियों पर निर्भर कर सकता है। पीरियड्स यानिकी मासिक धर्म जिसका सामना हर लड़की को हर महीने करना पड़ता है और इस समय उनके कई तर्क की परेशानियों का सामना करना पड़ता है जैसे मूड स्विंग, कमर दर्द, बदन दर्द, तनाव आदि। बहुत लोगों का यह सवाल होता है कि क्या लड़कों को भी पीरियड्स होते हैं? तो आइये जानते हैं कि इस सवाल सही उत्तर क्या होगा?
क्या लड़कों को भी पीरियड्स होते हैं?
अगर देखा जाएँ तो लडको को लड़कियों की तरह पीरियड्स नहीं होते हैं। हाँ पर कुछ परिस्तिथियों में उनमे ऐसे लक्षण देखे जा सकते हैं जो लड़कियों की पीरियड्स के दौरान दिखाएँ देते हैं। अगर लड़को के शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का स्तर सामान्य से कम या ज्यादा हो जाता है तो उनमे गुस्सा, तनाव, थकान, चिंता आदि लक्षण देखे जा सकते हैं। कुछ लोग इस परिस्थिति को लड़को के पीरियड्स (male menstrual) कहते हैं। मेडिकल की भाषा में इस स्थिति को इर्रिटेबल मेल सिंड्रोम (Irritable Male Syndrome) कहा जाता है। IMS घबराहट, चिड़चिड़ापन, सुस्ती और अवसाद की एक व्यवहारिक स्थिति है जो टेस्टोस्टेरोन की वापसी के बाद वयस्क पुरुष स्तनधारियों में होती है।
ज्ञानग्रंथ का WhatsApp Channel ज्वाइन करिये!क्या होता है IMS
इरिटेबल मेल सिंड्रोम निराशा, गुस्सा, चिंता के लिए उत्तरदायी है। यदि किसी पुरुष के शरीर में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन का उतार-चढ़ाव हो रहा है तो उसके शरीर में इरिटेबल मेल सिंड्रोम हो सकता है। टेस्टोस्टेरोन हार्मोन वो हार्मोन है जो प्रजनन क्षमता को बेहतर करता है तथा पुरुषो को मानसिक तथा शारीरक रूप से मजबूत करता है।
FAQs
लडकियों में 45 से 60 की उम्र में पीरियड्स बंद हो सकते हैं।
पहले ओव्यूलेशन में हो सकती है। अगर मासिक चक्र 28 दिन का है तो पीरियड्स खत्म होने के 10 वें दिन से लेकर 17 वें दिन तक प्रेग्नेंसी के लिए सही समय माना जाता है।
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