लोकतंत्र में अहम फैसला लेने में देरी होती है क्यों

लोकतंत्र में अहम फैसला लेने में देरी होती है क्यों

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By Shubham Jadhav

प्रश्न – लोकतंत्र में अहम फैसला लेने में देरी होती है क्यों

लोकतंत्र में अहम फैसला लेने में देरी होती है क्यों

लोकतंत्र में अक्सर फैसले लेने में देर हो जाती है क्योकि यह सहमती आधारित निर्णय होते हैं जो विचार विमर्श के बाद लिए जाते हैं, यह एक सरल प्रक्रिया प्रतीत होती हैं पर ऐसा नही है यह एक जटिल प्रक्रिया ही है क्योकि बातचीत के साथ निर्णय लेने में वादविवाद भी होते हैं कुछ पक्ष समर्थन करते हैं और कुछ नही जिसके बाद सहमती होने पर ही निर्णय लिया जाता है। लोकतंत्र में एक वेध शासन होता है जिसमे उत्तरदायित्व और जिम्मेदारिया होती है। यह फैसले जनता की समस्याओ के समाधान के लिए लिए जाते हैं और जनता को भी मंजूर होते हैं। लौक्तंत्र में जनता को यह सभी अधिकार होते हैं कि वो सरकार के लिए गये फैसलों को जान सके तथा विरोध भी कर सके। लोकतंत्र में सभी को समान अधिकार प्राप्त होते हैं क्योकि तानशाह देशो में लोगो को ज्यादा अधिकार नही मिलते हैं तथा उन पर कई तरह के नियम उनकी मर्जी के खिलाफ प्रताड़ित करने के लिए थोप दिए जाते हैं।

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