महाशिवरात्रि स्तुति

Mahashivratri 2024 : महाशिवरात्रि की यह स्तुति है अत्यधिक शक्तिशाली

No Comments

Photo of author

By Shubham Jadhav

अगर आप महाशिवरात्रि स्तुति की तलाश में है तो आपको इस महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की सबसे शक्तिशाली पवित्र स्तुति का पाठ करना चाहिए जो इस लेख में दी गयी है। इससे आपको बहुत से लाभ प्राप्त होंगे तथा आपकी सारी समस्याओं का नाश हो जाएगा। यह स्तुति शंकराचार्य द्वारा रचित है, इस स्तुति का हर सोमवार को पाठ करने से समस्त सुखो की प्राप्ति होती है।

इस स्तुति का पाठ करने की विधि यह है कि सबसे पहले सुबह स्नान करने के बाद शिवलिंग पर जल, दूध या पंचामृत आदि चढ़ाएं था भगवान शिव को बिलपत्र, धतूरा, चन्दन मिठाई आदि का प्रसाद लागे और फिर इस स्तुति का पाठ करें।

Mahashivratri 2024 : महाशिवरात्रि स्तुति

mahashivratri stuti path
महाशिवरात्रि स्तुति

शिव स्तुति मंत्र :

पशूनां पतिं पापनाशं परेशं गजेन्द्रस्य कृत्तिं वसानं वरेण्यम।
जटाजूटमध्ये स्फुरद्गाङ्गवारिं महादेवमेकं स्मरामि स्मरारिम।1।

महेशं सुरेशं सुरारातिनाशं विभुं विश्वनाथं विभूत्यङ्गभूषम्।
विरूपाक्षमिन्द्वर्कवह्नित्रिनेत्रं सदानन्दमीडे प्रभुं पञ्चवक्त्रम्।2।

गिरीशं गणेशं गले नीलवर्णं गवेन्द्राधिरूढं गुणातीतरूपम्।
भवं भास्वरं भस्मना भूषिताङ्गं भवानीकलत्रं भजे पञ्चवक्त्रम्।3।

शिवाकान्त शंभो शशाङ्कार्धमौले महेशान शूलिञ्जटाजूटधारिन्।
त्वमेको जगद्व्यापको विश्वरूप: प्रसीद प्रसीद प्रभो पूर्णरूप।4।

परात्मानमेकं जगद्बीजमाद्यं निरीहं निराकारमोंकारवेद्यम्।
यतो जायते पाल्यते येन विश्वं तमीशं भजे लीयते यत्र विश्वम्।5।

न भूमिर्नं चापो न वह्निर्न वायुर्न चाकाशमास्ते न तन्द्रा न निद्रा।
न गृष्मो न शीतं न देशो न वेषो न यस्यास्ति मूर्तिस्त्रिमूर्तिं तमीड।6।

अजं शाश्वतं कारणं कारणानां शिवं केवलं भासकं भासकानाम्।
तुरीयं तम:पारमाद्यन्तहीनं प्रपद्ये परं पावनं द्वैतहीनम।7।

नमस्ते नमस्ते विभो विश्वमूर्ते नमस्ते नमस्ते चिदानन्दमूर्ते।
नमस्ते नमस्ते तपोयोगगम्य नमस्ते नमस्ते श्रुतिज्ञानगम्।8।

प्रभो शूलपाणे विभो विश्वनाथ महादेव शंभो महेश त्रिनेत्।
शिवाकान्त शान्त स्मरारे पुरारे त्वदन्यो वरेण्यो न मान्यो न गण्य:।9।

शंभो महेश करुणामय शूलपाणे गौरीपते पशुपते पशुपाशनाशिन्।
काशीपते करुणया जगदेतदेक-स्त्वंहंसि पासि विदधासि महेश्वरोऽसि।10।

त्वत्तो जगद्भवति देव भव स्मरारे त्वय्येव तिष्ठति जगन्मृड विश्वनाथ।
त्वय्येव गच्छति लयं जगदेतदीश लिङ्गात्मके हर चराचरविश्वरूपिन।11।

इति श्रीमच्छंकराचार्यविरचितो वेदसारशिवस्तवः संपूर्णः ॥

निचे दिए इस वीडियो में आपको इस महाशिवरात्रि स्तुति का हिंदी अर्थ भी मिल जायेगा।

महाशिवरात्रि स्तुति

कुछ और महत्वपूर्ण लेख –

1Shares

Leave a Comment