शिवरात्रि का क्या मतलब है

जानिए शिवरात्रि का क्या हैं मतलब? हिन्दुओ के लिए क्यों हैं इतनी महत्वपूर्ण!

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By Pooja Sharma

शिवरात्रि एक ऐसा महोत्सव है जिसे धूमधाम से मनाया जाता है। कई तरह के कार्यक्रम इस दिन रखे जाते हैं। शिव भक्तों के द्वारा शिव बारात का आयोजन किया जाता है। पंडित प्रदीप जी मिश्रा एवं सद्गुरु के द्वारा इस दिन रुद्राक्ष दीक्षा भी दी जाती है। इस वर्ष 2024 में तो कुबेरेश्वर धाम में भक्तों का तांता लगा हुआ है। यदि आप हिन्दू धर्म से नहीं हैं या फिर हिन्दू ही हैं परन्तु आपको पता नहीं कि जानिए शिवरात्रि का क्या मतलब है ? तो इस लेख में आप यह अच्छे से जान पाएंगे कि जानिए शिवरात्रि का क्या मतलब है ?

शिवरात्रि का क्या मतलब है ?

शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव ब्रह्मांड के हर कण में उपस्थित है, यह निराकार है, और इनकी भक्ति करने से सारी मनोकामनाएँ पूर्ण होती है। शिव ही सर्वशक्तिमान है तथा तीनो लोक ने इनकी तरह कोई और देवता नही है।

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पुरे वर्ष में हर माह में एक शिवरात्रि आती है जो कृष्ण चतुर्दशी हो होती है तथा फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को महाशिवरात्रि आती है, इसे एक महान पर्व की तरह मनाया गया है। इस दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है तथा माना जाता है कि शिवलिंग पर जल, दूध, शहद आदि चढाने से आपके जीवन के सारे कष्ट मिट जाते हैं।

महाशिवरात्रि के दिन व्रत भी रखा जाता है जो आपको सांसारिक माया के बंधन से मुक्त करता है तथा भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए होता है। इस दिन भगवान भगवान शिव के मंदिरों में भारी भीड़ लगी होती है तथा भक्तो की लम्बी कतारे देखने को मिलती है। हर कोई भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा अर्चना करता है तथा उनका जलाभिषेक भी करता हैं।

शिवरात्रि का क्या मतलब है

इस दिन जो भी व्रत करता है उसको इसका फल जरुर मिलता है पर उसे पुरे नियम के साथ इस व्रत को करना होता हैं। इस व्रत को दुसरे व्रतो की तुलना में सबसे ज्यादा प्रभावी माना गया है। इसे हर उम्र व लिंग के लोग कर सकते है।

शिवरात्रि को क्या हुआ था?

महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव तथा माता पार्वती का विवाह हुआ था, इसीलिए इस दिन को भगवान शिव को समर्पित किया गया है। मान्यताओ के अनुसार भगवान शिव और पार्वती इसी दिन एक सूत्र में बंधे थे। इस पर्व पर भगवान शिव तथा पार्वती की मूर्ति या चित्रों को सजाया जाता है जिसके दर्शन के लिए लोगो की भीड़ लगी होती है। तथा बहुत सी जगहों पर तो शिव बारात का भी आयोजन किया जाता है, जिसके विभिन्न प्रकार की चल अचल झाकियां होती है। कहा जाता है कि शिव जी की शादी भी सभी देव, दानव, भूत प्रेत, राक्षस, जिव जंतु उपस्थित थे।

तो अब इस लेख को यहीं समाप्त करते हैं। आशा करते हैं आपने जान लिया कि शिवरात्रि का मतलब क्या होता है? ऐसे ही सरल भाषा में त्यौहारों, जनरल नॉलेज व पढ़ाई से जुड़े विषयों को जानने हेतु आप ज्ञानग्रंथ को सब्सक्राइब करिये और इस वेबसाइट को विजिट करते रहिये। साथ ही अपने मित्रों व परिजनों के साथ भी इसे शेयर करिये।

FAQs

शिवरात्रि कब है?

शिवरात्रि 8 March 2024 को है।

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