तो इस बार आपका भी मन है महाशिवरात्रि का व्रत करने का? या फिर मम्मी ने कह दिया है तो व्रत तो करना ही पड़ेगा? खैर कारण जो भी हो… कई लोग ऐसे होते हैं जो व्रत करना चाहते हैं पर खाना खाये बिना रह नहीं सकते! इन्हीं के लिए तो प्रसिद्ध है वो कहावत “पहले पेट पूजा फिर काम दूजा”! पर अब अगर व्रत करना ही है ठान ही ली है तो चिंता क्यों करते हो खाने को? फिर भी चलिए इस लेख के जरिये हम आपको बता देते हैं कि शिवरात्रि के व्रत में खाना कब खाते हैं?
शिवरात्रि के व्रत में खाना कब खाते हैं?
भारत में कई पर्व आते हैं और अधिकांश पर्व का सम्बन्ध हिन्दू धर्म के देवी देवताओं से होता है, जैसे की महाशिवरात्रि का त्यौहार, यह त्यौहार भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन भगवान शिव तथा माता पार्वती का विवाह हुआ था, इसीलिए इसे शिव रात्रि कहा गया है। यह त्यौहार हिन्दू धर्म में बहुत महत्व रखता है, अगर आप इस दिन व्रत रखते हैं और भगवान शिव की आराधना करते हैं तो आपकी सारी मनोकामना पूर्ण होती है तथा आपके कष्ट भी मिट जाते हैं। पर व्रत करने के कई नियम होते हैं जिनका पालन करना अनिवार्य होता है।
शिवरात्रि के व्रत नियम
- शिवरात्रि के व्रत में आप पुरे दिन केवल फलहार ही कर सकते हैं यानि की जब तक शिवरात्रि रहती है जब तक इस व्रत को करने का नियम है।
- व्रत में आप नमक का सेवन नही कर सकते हैं परन्तु सेंधा नमक आवश्यकतानुसार काम में लिया जा सकता है।
- व्रत करने वाले व्यक्ति को सुबह जल्दी उठ कर स्नान करने के बाद भगवान शिव के मंदिर जा कर पूजा अर्चना करना होता है तथा जलाभिषेक कर व्रत करने का प्रण लेना होता है इस दिन वह अन्न का सेवन नही कर सकता है केवल फल, आलू, कद्दू, सिंगाड़े, साबूदाने, और अन्य फलिहारी चीजो का ही सेवन कर सकता है।
वैसे रोज के भोजन से बढ़िया आपको फलों, मेवों, फलिहार का सेवन करके और अधिक आनंद आएगा। हम महादेव से प्रार्थना करते हैं कि आपका यह व्रत अवश्य पूरा हो और आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हों। बोलो हर हर महादेव!
FAQs
शिवरात्रि का व्रत करने वाला इंसान शिवरात्रि के पुरे दिन तथा रात्रि को केवल
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