महात्मा गांधी के 10 अनमोल विचार

महात्मा गांधी के 10 अनमोल विचार

No Comments

Photo of author

By Shubham Jadhav

महात्मा गांधी, जिन्हें महात्मा के नाम से भी जाना जाता है, जिसका अर्थ है “महान आत्मा”, जिन्हें 20वीं शताब्दी के महानतम नेताओं और दार्शनिकों में से एक माना जाता है। गांधी को व्यापक रूप से एक महान व्यक्ति के रूप में माना जाने के कई कारण हैं जैसे गांधी का अहिंसक प्रतिरोध का दर्शन, जो स्वतंत्रता और न्याय के संघर्ष में एक शक्तिशाली उपकरण बन गया। वह शांतिपूर्ण तरीकों और अहिंसक विरोधों के माध्यम से संघर्षों को हल करने में विश्वास करते थे, दुनिया भर के कई अन्य नेताओं और आंदोलनों को प्रेरित करते थे, जैसे कि मार्टिन लूथर किंग जूनियर और संयुक्त राज्य अमेरिका में नागरिक अधिकार आंदोलन। गांधी ने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन से स्वतंत्रता के लिए भारत के संघर्ष में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। गांधी ने सामाजिक मुद्दों को संबोधित करने के लिए अथक रूप से काम किया और अस्पृश्यता, गरीबी, महिलाओं के अधिकार और सांप्रदायिक सद्भाव जैसे कारणों का समर्थन किया व सामाजिक बुराइयों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। आज भी गांधी के विचारों और दर्शन का दुनिया भर में महत्वपूर्ण प्रभाव जारी है। आगे आप जानेंगे कि महात्मा गांधी के 10 अनमोल विचार जो आपके प्रेरित कर सकते हैं।

महात्मा गांधी के 10 अनमोल विचार

  1. “तुम खुद बदलो, दुनिया खुद बदल जाएगी।” (Be the change you wish to see in the world.)
  2. “आँख के बदले आँख ही देना, दुनिया अंधी हो जाएगी।” (An eye for an eye only ends up making the whole world blind.)
  3. “अन्यों की सेवा में अपना खोया हुआ पाएंगे।” (The best way to find yourself is to lose yourself in the service of others.)
  4. “प्यार और अहिंसा के साथ तुम दुनिया को हिला सकते हो।” (In a gentle way, you can shake the world.)
  5. “भविष्य उस पर निर्भर करता है जो तुम आज करो।” (The future depends on what you do today.)
  6. “खुशी तब होती है जब तुम्हारे विचार, वचन और कर्म एकत्र होते हैं।” (Happiness is when what you think, what you say, and what you do are in harmony.)
  7. “कमजोर कोई कभी माफ नहीं करता। क्षमा मजबूतों का गुण होता है।” (The weak can never forgive. Forgiveness is the attribute of the strong.)
  8. “सबसे पहले तुम्हें अनदेखा करेंगे, फिर तुम्हें हंसाएंगे, फिर तुमसे लड़ेंगे, फिर तुम ही जीतोगे।” (First they ignore you, then they ridicule you, then they fight you, and then you win.)
  9. “तुम्हें वह बदलना होगा जिसे तुम दुनिया में देखना चाहते हो।” (You must be the change you wish to see in the world.)
  10. “मानवता की महानता मनुष्य होने में नहीं है, बल्कि मानवीय होने में है।” (The greatness of humanity is not in being human, but in being humane.)

महात्मा गांधी की पोशाक में एक साधारण सफेद धोती, एक पारंपरिक भारतीय परिधान शामिल था, जो सादगी और भारतीय संस्कृति का प्रतीक था। अपने कंधे पर एक शॉल लपेटा, पतले फ्रेम के साथ गोल चश्मा उनकी उपस्थिति का एक हिस्सा बन गया था, जो उनके मितव्ययिता पर जोर और दुनिया पर उनके अद्वितीय दृष्टिकोण को दर्शाता है। साथ ही जो स्थानीय रूप से निर्मित और टिकाऊ उत्पादों के लिए उनकी प्राथमिकता को दर्शाता है। उनकी पोशाक सरल लग सकती है, यह उनके विनम्रता, आत्मनिर्भरता समुदायों के सशक्तिकरण के सिद्धांतों के साथ तालमेल को भी दर्शाती है। गांधी की पोशाक उनके जीवन दर्शन का एक दृश्य प्रतिनिधित्व थी, जो हमें सादगी, सांस्कृतिक जड़ता और न्याय और समानता की खोज के महत्व की याद दिलाती थी।

FAQs

भारत का राष्ट्रपिता कौन है?

भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी है। जिनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गाँधी है।

गांधी जी का भारत में सर्वप्रथम आंदोलन कौन-सा था?

गांधी जी का भारत में सर्वप्रथम आंदोलन चम्पारण आन्दोलन था।

महात्मा गांधी को सर्वप्रथम किसने राष्ट्रपिता कहकर सम्बोधित किया था?

सुभाष चन्द्र बोस ने महात्मा गांधी को सर्वप्रथम राष्ट्रपिता कहकर सम्बोधित किया था।

गाँधी जी का राजनितिक गुरु कौन था?

गोपाल कृष्ण गोखले।

कुछ और महत्वपूर्ण लेख –

0Shares

Leave a Comment