महात्मा गाँधी हमारे देश के राष्ट्रपिता के रूप में जाने जाते है, इन्होने देश को आज़ाद करने में मुख्य योगदान था। यह हमेशा अहिंसा का साथ देते थे उनका मानना था कि हिंसा से कभी कुछ हासिल नही किया जा सकता है। गांधीजी हमेशा शांत स्वभाव रखते थे और देश के बारे में सोचते थे। भारतीयों को उनके हक दिलाने के लिए संघर्ष करते थे। गांधीजी देश की राजनीती में भी बहुत महत्व रखते थे। क्या आप जानते है की महात्मा गांधी के राजनीतिक गुरु कौन थे? (Mahatma Gandhi Ke Rajnitik Guru Kaun The) अगर नही तो आइयें जानते हैं इस सवाल का जवाब।
महात्मा गांधी के राजनीतिक गुरु कौन थे? (Mahatma Gandhi Ke Rajnitik Guru Kaun The)
महात्मा गांधी के राजनीतिक गुरु गोपाल कृष्ण गोखले थे। वे एक अनुभवी राजनीतिज्ञ थे जिनके पास राजनीती के साथ और भी विषयों का अनुभव था, वे एक महान और बुद्धिमान व्यक्ति थे जिनका चरित्र बहुत ही सरल और समर्द्ध था। गोखले का मानना था की देश के महान लोगो को अपने देश के युवाओ को वैज्ञानिकी ओर तकनीकी शिक्षा देनी चाहिए क्योकि यह सबसे जरुरी है। वे हमेशा देश के हित की बाते किया करते थे और लोगो को अपनी बातों से प्रभावित कर देते थे, उनके शब्दों में देशभक्ति अलग की प्रदर्शित होती थी। वे कितने ज्ञानी और कितने बड़े राष्ट्रप्रेमी है यह भी उनके व्यक्तित्व में अलग ही झलकती थी। इन्होने सर्वेन्ट्स ऑफ़ इंडिया सोसाइटी की स्थापना की थी और यह कांग्रेस पार्टी के वरिष्ट नेता थे जिनका पार्टी में बहुत सम्मान था। गोखले से गांधी की ये मुलाकात पुणे के फर्ग्यूसन कॉलेज में हुई थी।
गाँधी जी उनके व्यक्तित्व से इतने प्रभावित हुए की उन्होंने गोपाल कृष्ण गोखले (Gopal Krishna Gokhale) को अपना गुरु मान लिया था और राजनीती से सम्बन्धी सलाह उनसे लिया करते थे और उन्हें सभी गतिविधियों के बारें में बताया करते थे। 1905 में गोपाल कृष्ण गोखले कांग्रेस के अध्यक्ष थे उन्होंने अंग्रेजो के खिलाफ कई बार आवाज़ उठाई थी। वे जातिवाद और छुआ छुत के खिलाफ थे, उन्होंने आज़ादी की लड़ाई के साथ ही देश में छुआछूत और जातिवाद के खिलाफ भी आंदोलन चलाया था।
गोपाल कृष्ण गोखले का जन्म 9 मई, सन 1866 को कोटलुक, रत्नागिरि जिला, बाम्बे में हुआ था। सर्वेन्ट्स ऑफ़ इंडिया सोसाइटी की स्थापना के साथ ही गाँधी जी और गोखले जी ने लोगो में देश भक्ति की धारा बहा दी थी। 19 फ़रवरी 1915 को गोपाल कृष्ण गोखले जी का निधन हो गया था।
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