भारत देश वीरों का देश है यहाँ आज़ादी के पहले से कई सारे देशभक्त हुए है, जिन्होंने अपनी जान से ज्यादा देश को महत्व दिया है। आज़ादी के पहले अंग्रेजो के अत्याचारों से परेशान हो कर उनसे आज़ादी पाने के लिए और अपनी मांगे पूरी करने के लिए कई सारे आंदोलन चलाए गए थे उन्ही मेसे एक आंदोलन था असहयोग आंदोलन। यदि आप असहयोग आंदोलन का मुख्य कारण नहीं जानते है और आप जानना चाहते है की आखिर Asahyog Andolan Kab Hua Tha Iska Mukhya Karan Kya Tha – असहयोग आंदोलन कब हुआ था व इसका मुख्य कारण क्या था तो निचे आपको इसकी पूरी जानकरी मिल जाएगी।
महात्मा गाँधी के अमरीकी जीवनी-लेखक लुई फ़िशर ने लिखा है कि ‘असहयोग भारत और गाँधी जी के जीवन के एक युग का ही नाम हो गया। असहयोग शांति की दृष्टि से नकारात्मक किन्तु प्रभाव की दृष्टि से बहुत सकारात्मक था। इसके लिए प्रतिवाद, परित्याग और स्व-अनुशासन आवश्यक थे। यह स्वशासन के लिए एक प्रशिक्षण था।
Asahyog Andolan Kab Hua Tha? कब प्रारम्भ हुआ था असहयोग आंदोलन?
महात्मा गांधी ने एक अगस्त 1920 को असहयोग आंदोलन शुरू किया था। अंग्रेजों द्वारा प्रस्तावित अन्यायपूर्ण कानूनों और कार्यों के विरोध में देशव्यापी अहिंसक आंदोलन था। इस आंदोलन के दौरान विद्यार्थियों ने सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में जाना बंद कर दिया था।
असहयोग आंदोलन कब तक चला ?
5 फ़रवरी 1922 को गोरखपुर ज़िले के चौरी- चौरा नामक जगह पर पुलिस ने एक जुलूस को रोकना चाहा, इसके फलस्वरूप जनता ने गुस्से में आकर थाने में आग लगा दी, जिसमें एक थानेदार एवं 21 सिपाहियों की मृत्यु हो गई थी । इस घटना के बाद गांधी जी ने 12 फ़रवरी 1922 को इस आंदोलन की समाप्ति की घोषणा कर दी थी क्योकि वह हिंसा के विरोधी थे।
असहयोग आंदोलन का मुख्य कारण क्या था ?
असहयोग आंदोलन के 2 मुख्य कारण थे –
रौलट एक्ट- सन 1919 में पारित रौलट एक्ट के तहत, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जैसे मौलिक अधिकारों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था । इसके साथ ही पुलिस शक्तियों को बढ़ाया गया था और साथ ही साथ दो साल तक बिना किसी ट्रायल के राजनीतिक कैदियों को हिरासत में रखने की अनुमति दी।
प्रथम विश्व युद्ध- इस समय रक्षा व्यय में भारी वृद्धि के साथ सीमा शुल्क भी बढ़ा दिया गया था। जिस कारण चीजों की कीमतें दोगुनी हो गई थी । महंगाई के कारण लोग काफी परेशान थे।
FAQs
असहयोग आंदोलन का प्रस्तावना कांग्रेस के कलकत्ता अधिवेशन में 4 सितम्बर 1920 को पास हुआ था। इस आंदोलन में कई कस्बों और नगरों के मजदुर हड़ताल पर चले गए, विद्यार्थियों ने सरकारी स्कूल-कॉलेज जाना बंद कर दिया। शहरों से गांवों तक इसका असर दिखने लगा था और और सन 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के बाद असहयोग आंदोलन से पहली बार ब्रिटिश शासन की नींव हिल गई।
चौरी चौरा थाना काण्ड असहयोग आंदोलन की असफलता का मुख्य कारण था। कई पुलिसवालों के हिंसक भीड़ द्वारा मारे जाने को देखकर गांधी जी ने असहयोग आन्दोलन को वापस ले लिया था।
कुछ और महत्वपूर्ण लेख –
- Ramayan Kitne Saal Purani Hai – रामायण कितने साल पुरानी है?
- रघुपति राघव राजा राम में कौन सा अलंकार है
- Mahatma Gandhi Ki Paltu Bakri Ka Naam Kya Tha?
- Agneepath Yojana Kya Hai – अग्निपथ योजना क्या है?