महात्मा गाँधी के बारें में ऐसे कई किस्से हैं जिन्हे हम लोग किताबों के माध्यम से स्कूल में पढ़ चुके हैं और कई किस्से आये दिन हमें इंटरनेट पर भी पढ़ने को मिलते हैं। उनमे से एक किस्सा है गांधीजी और उनकी पालतू बकरी का। चलिए आज हम आपको बताते हैं कि गाँधी जी ने बकरी का दूध पीना क्यों शुरू किया और Mahatma Gandhi Ki Paltu Bakri Ka Naam Kya Tha? महात्मा गाँधी की पालतू बकरी का नाम क्या था?
बकरी का दूध क्यूं पीना शुरू किया?
महात्मा गांधी शुरू-शुरू में मांसाहार का सेवन करते थे परन्तु बाद में उन्होंने शाकाहारी जीवन अपना लिया। अब जानवरों के प्रति कोई भी क्रूरता उन्हें पसंद नहीं थी और इसीलिए उन्होंने दूध और उसे बने उत्पादों का सेवन भी बंद कर दिया था। परन्तु जब उन्हें स्वस्थ्य सम्बन्धी समस्याएं हुई तो डॉक्टर ने दूध पिने की सलाह दी। तब भी उन्होंने कस्तूरबा बाई के सुझाव पर बकरी का दूध पीना शुरू किया।
Mahatma Gandhi Ki Paltu Bakri Ka Naam Kya Tha?
गांधीजी को अपनी यह बकरी अतिप्रिय थी और वे इसे जहां भी जाते अपने साथ लेकर जाते थे। महात्मा गाँधी की पालतू बकरी का नाम निर्मला था।
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