मरने के बाद शरीर भारी क्यों हो जाता है?

मरने के बाद शरीर भारी क्यों हो जाता है?

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By Shubham Jadhav

आज का प्रश्न है कि मरने के बाद शरीर भारी क्यों हो जाता है?

मरने के बाद शरीर भारी क्यों हो जाता है?

जैसा की हम जानते हैं कि मौत एक कडवा सच है, हर किसी की मृत्यु निश्चित है। धर्मो के अनुसार जन्म और मृत्यु को लेकर कई अवधारणाएँ है, जैसे कुछ धर्मो में पुर्नजन्म को माना जाता है, कुछ धर्मो मे मृत्यु के बाद कर्मो के आधार पर सजा का प्रावधान है।

मृत्यु के पश्चात् शरीर किसी काम का नहीं रहता है इसीलिए उसे या तो जला दिया जाता है या फिर जमीन में दफना दिया जाता है। मृत्यु के बाद आत्मा शरीर को छोड़ देती है। मृत्यु को लेकर कई तह के प्रश्न होते है उन्ही मेसे एक प्रश्न है की मरने के बाद शरीर का वजन ज्यादा को लगता है?

मृत्यु के बाद शरीर के सभी अंग धीरे धीरे काम करना बंद कर देते हैं जिस कारण शरीर में कई तरह के बदलाव होने लगते हैं जैसे – शरीर का रंग बदलने लगता है, शरीर का तापमान बदल जाता है, शरीर फूलने लगता है, अकड़ जाता है आदि।

शरीर में रक्त का प्रवाह रुक जाता है जिस कारण कोशिकाएं कठोर होने लगती है और शरीर भारी हो सकता है। पर विज्ञानिको का मानना है कि आम तौर पर शरीर भारी नहीं होता है केवल व्यक्ति के मृत हों जाने के कारण वह संतुलन नहीं बनाता है तो बॉडी को उठाते समय यह भारी प्रतीत होता है. अगर आप किसी जीवित व्यक्ति को उठाने की कोशिश करते हैं तो वह गुरुत्वाकर्षण के विरुद्ध ऊर्जा लगा सकता है परन्तु एक मृत व्यक्ति का पूरा भार नीचे की और जाता है जिस कारण वह भारी लगता है।

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