मृदा कितने प्रकार की होती है?


भारत को कृषि प्रधान देश माना जाता है क्योकि यहाँ की अधिकांश आबादी कृषि पर आधारित है। कृषि के लिए सबसे जरुरी है एक उपजाऊ जमीन का होना और भारत की अधिकांश जगह की मिट्टी उपजाऊ है। इस पर आसानी से खेती की जा सकती है। मिट्टी को मृदा भी कहा जाता है। आगे इस लेख में आप जानेंगे कि मृदा किसे कहते हैं तथा मृदा कितने प्रकार की होती है?

मृदा किसे कहते हैं?

मिट्टी हर क्षेत्र में अलग-अलग प्रकार की पायी जाती है। मिट्टी जमीन के उस भाग को कहते हैं जिसमे बारीक़ पत्थर, कंकड़, मृत जीवो के अवशेष आदि होते हैं। मिट्टी का निर्माण भूमि सतह पर कई कारणों से हो सकता है जैसे जलवायु, चट्टानों के विखण्डित आदि। कृत्रिम तरीको से भी मिट्टी को खेती हेतु भूमि के उपर लाया जा सकता है। पर इसके गुणों में परिवर्तन करना सम्भव नही है।

मृदा कितने प्रकार की होती है

  1. जलोढ़ मिट्टी
  2. काली मिट्टी
  3. लैटराइट मिट्टी
  4. पर्वतीय मिट्टी
  5. लाल एवं पीली मिट्टी
  6. मरूस्थलीय मिट्टी

FAQs

मिट्टी के 6 प्रकार कौन से हैं?

मिट्टी, रेतीली, सिल्टी, पीटिया, चाकली और दोमट मिट्टी के प्रकार है।

भारत में कौन सी मिट्टी सबसे ज्यादा है?

भारत में जलोढ़ मृदा सबसे ज्यादा पाई जाती है।

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