इस लेख में ऑफिस में समान वेतन का अधिकार क्या होता है और यह अधिनियम कब लागू हुआ था इस मुद्दे पर बात की गयी है और इसकी जरूरत क्यों है यह भी बताया गया है।
ऑफिस में समान वेतन का अधिकार
यह अधिनियम 8 मार्च 1976 में पास हुआ था, इस अधिनियम के तहत किसी भी काम करने वाले इंसान के वेतन के साथ उसके लिंग के आधार पर भेदभाव नही किया जा सकता है। किसी भी महिला को समान वेतन का अधिकार प्राप्त है जिसके तहत एक ही कार्य को करने वाले सभी लोगों को समान वेतन मिलना चाहिए। इस अधिनियम का मुख्य उद्देश्य महिला और पुरुष कर्मचारियों को समान काम के लिए समान वेतन देना है।
इस नियम के अनुसार समान काम करने वाले महिला-पुरुषों को समान वेतन मिलना चाहिए। तथा योग्यता के अनुसार पद मिलना चाहिए साथ ही समान वेतन के अलावा भी इस अधिनियम में महिलाओ की सुरक्षा की बात की गयी है।
शाम को सात के बाद महिलाओ से काम नही करवाया जा सकता है पर यह नियम हॉस्पिटल्स और केटरीन पर लागु नही होता है आदि। और जोखिम भरी जगह पर महिलाओ के काम पर प्रतिबन्ध लगाया जा सकता है। 2020 से प्रत्येक वर्ष 18 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय समान वेतन दिवस मनाया जाता है जो समान वेतन के उदेश्यों को लोगो तक पहुचने के लिए मनाया जाता है।
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