पंचलाइट वो कहानी है जो काफी प्रसिद्ध है, इस कहानी को लेखक फणीश्वर नाथ रेणु द्वारा लिखा गया है और यह उनके कहानी संग्रह ‘ठुमरी’ में संकलित है। इस प्रसिद्ध लेखक का जन्म 4 मार्च 1921 को हुआ था एवं इन्हें पद्म श्री से भी सम्मानित किया जा चुका है। इस कहानी को उन्होंने 1950 से 1960 के बीच लिखी थी जो आज भी प्रसिद्ध है, यह कहानी पाठ्यक्रमो में भी सम्मिलित है और खास कर बिहार तथा उत्तरप्रदेश जैसे राज्यों में। यदि आप पंचलाइट कहानी का सारांश 80 शब्दों में पढ़ना चाहते हैं तो आपको इस लेख में इसका उत्तर मिल जाएगा।
पंचलाइट कहानी का सारांश 80 शब्दों मे
यह कहानी बिहार के ग्रामीण परिवेश पर केन्द्रित है। गांव के एक युवक गोधन को मुनरी नाम की लड़की से प्यार हो जाता है, जिससे नाराज होकर पंचायत ने उसका बहिष्कार कर दिया था। एक दिन, ग्रामीण सार्वजनिक उपयोग के लिए मेले से एक पेट्रोमैक्स खरीदते हैं, जिसे अंगिका में पंचलाइट या पंचलैट कहा जाता है।
सभी उत्साहित थे, उन्हें जल्द ही एहसास हुआ कि कोई नहीं जानता कि इसे कैसे जलाया जाता है। यह स्थिति तब हास्यास्पद हो जाती है जब ग्रामीणों की मासूमियत और पेट्रोमैक्स जलाने में असमर्थता दुसरे गाँव वालो के सामने स्पष्ट हो जाती है। दूसरे गाँव के लोग उनका मज़ाक उड़ाना शुरू कर देते हैं। मुनरी अपनी सहेली के माध्यम से पंचों को बताती है कि गोधन पंचलाइट जलाना जानता है। दूसरे गाँव से मदद मांगने के अपमान से बचने के लिए पंच लोगों ने अंततः गोधन को माफ कर दिया और उसके विशेषाधिकारों को बहाल कर दिया और गोधन ने पंचलाइट जलाया जिससे गावं वालें काफी खुश थे। इसके अतिरिक्त उन्हें सनीमा का गाना गाने की अनुमति दी गई है।
आपको बतादें की इस खानी पर लघु फिल्म भी बन चुकी है और नाटक के रूप में मंचन भी कई बार हो चुका है। इस कहानी में ग्राम के विकास तथा आवश्यकता में परिवर्तन के महत्व को बताया गया है।
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