जब भी हम पानी को देखते हैं तो हमारे दिमाग में यह प्रश्न आता है कि आखिर पानी का वास्तविक रंग क्या हैं? यदि आप भी जानना चाहते हैं कि पानी का रंग क्या है? तो इस लेख को अंत तक जरुर पढ़ें।
पानी का रंग क्या है?
हर पदार्थ में रंग का चयनात्मक अवशोषण होता है, इस अवशोषण के कारण वस्तुओ का रंग निर्धारित होता है। सूर्य के प्रकाश में सात रंग होते हैं तथा वस्तु जिस रंग को अवशोषित कर लेती है वह हमें दिखाई नहीं देता तथा जिसे प्रसारित कर देती हैं वह हमें दीखता है।
इसी प्रकार पानी रंग नीला होता है क्योकि पानी नीले रंग को प्रसारित कर देता है। पानी के अणु नीले रंग के होते हैं पर ज्यादा मात्रा होने पर ही पानी नीला दिखता है वरना यह पारदर्शी हो जाता है। पानी की अधिक मात्रा उसके रंग को गहरा नीला कर देती है और यदि पानी को छोटे पात्र में लिया जाएँ तो वह अपना नीला रंग खो देता है।
पानी की शुद्धता उसके रंग को प्रभावित करती है यदि पानी अशुद्ध है तो उसका रंग भूरा हो सकता है या फिर उस रंग में परिवर्तित हो सकता है जिस रंग का तत्व उसमे मिलाया गया हो। पहले लोगों का मानना था कि पानी का नीला रंग आसमान के कारण होता है परन्तु यह सत्य नहीं है, हां पानी पर आसमान के रंग का थोड़ा असर होता है परन्तु पूर्ण रूप से नहीं।
हम पाते हैं कि कुछ नदियों का रंग नीला नहीं होता है तो इसका कारण है कि उसमे कई सूक्ष्मजीव, शैवाल और जीवाणु हो सकते हैं। जिस कारण उस नदी का रंग नीला प्रतीत नहीं होता है।
पानी का रंग उसकी मात्रा पर निर्भर करता है, यदि पानी की मात्रा कम है तो वह रंगहीन होता है तथा शुद्ध और अधिक पानी नीला दिखता है तथा अत्यधिक मात्रा में पानी गहरा नीला दिखता है।
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