आज हम जानेंगे कि पवन में कौनसी संधि है? इस पर बात करने से पहले हम आपको बताएंगे कि संधि क्या होता है? जब दो शब्द मिलते हैं तो पहले शब्द की अंतिम ध्वनि और दूसरे शब्द की पहली ध्वनि आपस में मिलकर जो परिवर्तन लाते हैं उसे संधि कहते हैं। अगर इसे दूसरे शब्द में बताया जाए तो जब दो शब्द आपस में मिलकर कोई तीसरा शब्द बनाते हैं तब जो परिवर्तन होता है उसे संधि कहते हैं।
पवन में कौनसी संधि है?
‘पवन’ शब्द का अर्थ होता है हवा, वायु आदि। पवन शब्द में अयादि संधि का प्रयोग किया गया है। इसका अगर शुद्ध संधि विच्छेद किया जाए तो ‘पो + अन’ बनेगा। अयादि संधि उसे कहा जाता है जब ए, ऐ, ओ, औ, के बाद कोई (विजातीय) स्वर आए, तो वह क्रमश: अय्, आय, अव, आव हो जाता है। य, व् से पहले व्यंजन पर अ, आ की मात्रा हो तो अयादि संधि होता है। अगर और कोई विछेद न निकलता हो तो + के बाद वाले भाग को वैसा का वैसा लिखा जाएगा।
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