आज हम आपको पराग के अंकुरण के लिए कौन सा तत्व आवश्यक है? इस प्रश्न का उत्तर देने वाले है और आपको पराग के अंकुरण के बारे में भी जानकारी देंगे ताकि परीक्षा में आप इससे सम्बन्धित प्रश्नों का आसानी से उत्तर दे सके।
पराग के अंकुरण
परागण पुष्पीय पौधे के जीवन चक्र का बहुत ही मुख्य भाग है। परागण कका अर्थ जैविक तथा अजैव कारण से परागकणों का फूल के परागकोष से अन्य फूल के वर्तिकाग्र में पहुचना परागण कहलाता है । जीवों द्वारा जो परागण होता है वह जैविक परागण कहलाता है जैविक परागण जानवरों, कीड़ों या पक्षियों के द्वारा होता है। और हवा या पानी से के द्वारा होता है वह अजैव । अधिकांश पौधों का परागण जैविक परागण के माध्यम से होता है। परागकण का अंकुरण की शुरवात पानी और पोषक तत्वों के अवशोषण से होती है जिसके बाद वर्तिका के माध्यम से अंडाशय तक छोटी सी पराग नलिका बनती है। फिर नलिका कोशिका बढ़ने लगती है पराग कण से बाहर आ जाती है जिसके बाद नलिका नाभिक पराग नलिका की नोक पर उतर आता है। परागकणों की उत्त्पति फूलो में होती है।यह तितलियों तथा कई कीट पतंगो का खाद्य पदार्थ है। एवं मधुमक्खियां इसी से शहद का निर्माण करती हैं।
पराग के अंकुरण के लिए कौन सा तत्व आवश्यक है
पराग के अंकुरण के लिए बोरॉन तत्व आवश्यक होता है।
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