राज्य और समाज द्वारा मनुष्य अपने समस्त आवश्यकताओं की पूर्ति करता है। मनुष्य की इन आवश्यकताओं और उनके सामाजिक संबंधों के माध्यम से अनेक सामाजिक शास्त्रों का जन्म हुआ। इन्हीं सामाजिक शास्त्रों के अंतर्गत राजनीती शास्त्र भी आता है। इस शास्त्र के अंतर्गत राज्य, सरकार, राजनीतिक संघटन तथा संस्थायें, राजनीतिक क्रिया कलाप तथा राजनीतिक सम्बन्धों सहित राजनीतिक जीवन के समस्त पक्ष आते हैं। राजनीति शब्द की उत्पत्ति यूनानी भाषा के शब्द ‘Polis’ से मानी जाती है, जिसका आशय नगर राज्य से है। यह नगर राज्य राजनितिक दृष्टि से एक सर्वोच्च तथा अंतर्भावि (Inclusiv) संध था। आइये आपको बताते हैं कि राजनीति शास्त्र का पिता कौन है?
राजनीति शास्त्र का पिता कौन है?
राजनीती शास्त्र का पिता अरस्तु को कहा जाता है। इन्हे यूनानी विचारक भी कहा जाता है तथा इन्हे राजनीतिक विज्ञान का पितामह भी बोला जाता है। यूनानी चिंतन में प्लेटो का आदर्शवाद तथा अरस्तु का बुद्धिवाद समाहित है। अरस्तु बहुत पुराने समय में थे अर्थात राजनीतिशास्त्र या राजनीति विज्ञान बहुत प्राचीन विषय है।
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