रामकृष्ण मिशन की स्थापना के केंद्र में वेदांत दर्शन का प्रचार-प्रसार है। यह मिशन दूसरों की सेवा और परोपकार को कर्म योग मानता है जो कि हिन्दू धर्म का एक महत्वपूर्ण सिद्धांत है। आज हम आपको बताएंगे कि रामकृष्ण मिशन की स्थापना किसने की?
रामकृष्ण मिशन की स्थापना किसने की?
रामकृष्ण मिशन की स्थापना 1 मई 1897 को रामकृष्ण परमहंस के परम् शिष्य स्वामी विवेकानंद ने की थी। इस मिशन का मुख्यालय कोलकाता के निकट बेलुड़ में है।
ज्ञानग्रंथ का WhatsApp Channel ज्वाइन करिये!इस मिशन का एक ध्येय वाक्य है जो ‘आत्मनो मोक्षार्थं जगद् हिताय च’ है जिसका अर्थ ‘अपने मोक्ष और संसार के हित के लिये’ है। इस मिशन को भारत सरकार द्वारा 1996 में डॉ॰ आम्बेडकर राष्ट्रीय पुरस्कार से और 1998 में गाँधी शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
स्वामी विवेकानंद का इस मिशन को शुरू करने का उद्देश्य ऐसे साधुओं और सन्यासियों को संगठित करना था, जो रामकृष्ण परमहंस की शिक्षाओं में गहरी आस्था रखते हों। इसके अलावा उनका उद्देश्य रामकृष्ण परमहंस के उपदेशों को जनसाधारण तक पहुंचाना और दु:खी एवं पीड़ित मानव जाति की नि:स्वार्थ सेवा करना था।
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