आपको बता दें कि श्वसन अंग का अर्थ है किसी भी जीव-जंतु का वह अंग जिससे वह वातावरण के बीच गैसों का आदान-प्रदान करता हो। हर प्राणी में यह अंग अलग होता है। शरीर की, त्वचा, गिल्स, फेफड़ा , ट्रेकिया आदि प्राणियों के विभिन्न श्वसन अंग हैं। हर जीव-जंतु में श्वसन अंग होता है परन्तु पौधों में श्वसन अंग नहीं होता वे गैसों का आदान-प्रदान स्टोमेटा, लेण्टीसेल तथा न्यूमेटाफोर्स द्वारा करते है। आज हम जानेंगे कि ट्रेकिया किस जीव का श्वसन अंग है?
ट्रेकिया किस जीव का श्वसन अंग है?
ट्रेकिया कॉकरोच का श्वसन अंग होता है। कॉकरोच ब्लाट्टोडेया जीववैज्ञानिक गण का भाग हैं जिसे तिलचट्टा भी कहा जाता है। यह कीटों का एक जीववैज्ञानिक उपगण है। इनकी प्रजातियों की बात की जाये तो विश्वभर में लगभग 4,600 ज्ञात तिलचट्टा जातियाँ हैं जो लगभग 500 उपगणों में आयोजित हैं। यह प्राणी सर्वाहारी होते हैं तथा रात्रिचर होते हैं जो अंधेरे में, गर्म स्थानों में, जैसे रसोई घर, गोदाम, अनाज और कागज के भंडारों में पाए जाते हैं।
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