रामायण में कौनसी संधि है? जानने से पहले हम जानेंगे कि संधि क्या होती है? जब दो शब्द मिलते हैं तो पहले शब्द की अंतिम ध्वनि और दूसरे शब्द की पहली ध्वनि आपस में मिलकर जो परिवर्तन लाते हैं उसे संधि कहते हैं। अगर इसे दूसरे शब्द में बताया जाए तो जब दो शब्द आपस में मिलकर कोई तीसरा शब्द बनाते हैं तब जो परिवर्तन होता है उसे संधि कहते हैं।
रामायण में कौनसी संधि है?
रामायण में दीर्घ संधि होती है। ‘रामायण’ का मतलब ‘राम के चरित्र से संबंधित ग्रंथ’ होता है। इस शब्द का उचित संधि विच्छेद ‘राम + अयन’ होता है। ह्रस्व या दीर्घ अ, आ, इ, ई, उ, ऊ और ऋ के बाद ह्रस्व या दीर्घ अ, आ, इ, ई, उ, ऊ और ऋ स्वर आ जाएँ तो दोनों मिलकर दीर्घ आ, ई, ऊ और ऋ हो जाते हैं, इस मेल से बनने वाली संधि को दीर्घ स्वर संधि कहते हैं। इसके कुछ उदाहरण हमने नीचे दिए हैं :-
समय + अभाव = समयाभाव
पीत + अम्बर = पीताम्बर
क्रम + अनुसार = क्रमानुसार
शिव + आलय = शिवालय
FAQs
मनोनुसार में दीर्घ संधि संधि है।
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