भ्रष्टाचार का विरोध करें निबंध

भ्रष्टाचार पर हिन्दी में निबंध : Essay on Corruption

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By Shubham Jadhav

भ्रष्टाचार पर हिन्दी में निबंध (Essay on Corruption)

प्रस्तावना

किसी भी देश के विकास में यदि सबसे बड़ी बाधा कोई है बनता है तो वह होता है इस देश में होने वाला भ्रष्टाचार। भ्रष्टाचार वो बीमारी है जो लगभग हर देश में अलग-अलग स्तर पर फैली हुई है और देश की व्यवस्था को अंदर से खोखला कर रही हैं। इसीलिए देश के हर नागरिक को भ्रष्टाचार का विरोध करें करना चाहिए।

भ्रष्टाचार दो शब्दों से बना है, भ्रष्ट और आचार। भ्रष्ट उस व्यक्ति को कहा जाता है जो अपने स्वार्थ के लिए अपने पद का उपयोग कर आर्थिक लाभ या अन्य किसी भी तरह का लाभ उठाता है। और आचार का अर्थ होता है आचरण।

भ्रष्टाचार के कई कारण

कई ऐसे कार्य है जो भ्रष्टाचार के अंतर्गत आते हैं जैसे रिश्वत लेना, टैक्स चोरी करना, चुनाव ने धांधली करना, वोट खरीदना, झूठा मुकदमा करना, परीक्षा में धांधली करना आदि। एक भ्रष्टाचारी व्यक्ति कार्य को करने के लिए ज्यादा पैसो की मांग करता है या फिर किसी तरह की काला बाजारी करता है तो यह भ्रष्टाचार कहलाता है।

भ्रष्टाचार के कई कारण हो सकते हैं पर इसका मुख्य कारण अधिक आय की इच्छा होता है, पदों पर उपस्थित लोग ज्यादा पैसा कमाने की चाह में रिश्वत लेते हैं। जो नेता जनता के लिए दिए गये पैसो को खुद के लिए इस्तेमाल करता है तथा सरकारी योजनाओं को जनता तक सही तरह से नहीं पहुचाता है और खूद का तथा परिवार वालो को लाभ दिलाता है वह सबसे बड़ा भ्रष्टाचारी होता है। हमेशा से ही नेताओं पर भ्रष्ट होना का सबसे ज्यादा आरोप लगता है पर हर वह व्यक्ति भ्रष्ट है जो अपनी शक्तियों का गलत प्रयोग कर रिश्वत लेता है, समय पर काम नहीं करता है और भाईभतीजावाद को बढ़ावा देता है।

भ्रष्टाचार खत्म करने के उपाय

भ्रष्टाचार को ख़त्म करने के लिए सबसे पहले लोगों को जागरूक करना होगा ताकि ऐसा माहौल बन सकें कि कोई भी अधिकारी आसानी से रिश्वत न मांग सकें तथा भ्रष्टाचार करने वाले को कड़ी से कड़ी सजा देने का प्रावधान होना चाहिए। यदि भ्रष्टाचार करने वाले को कठोर दंड दिया जाएँ तो भ्रष्टाचार को कम किया जा सकता है। तब तक भ्रष्टाचार को लेकर कड़े कानून नहीं बनेंगे लोग भ्रष्टाचार करने से नहीं डरेंगे और भ्रष्टाचार बढ़ता चला जाएगा।

उपसंहार

भ्रष्टाचार को रोकने तथा इसका विरोध करना जरुरी है पर यह इतना भी आसान है नहीं है, भ्रष्टाचार देश को आर्थिक रूप से तो नुकसान पहुचाता ही है परन्तु यह लोकतंत्र को भी कमजोर करता है तथा कानून व्यवस्था को भी प्रभावित करता है। हर नागरिक का लक्ष्य है कि वह देशहित में भ्रष्टाचार का विरोध करें क्योकि केवल सरकार भ्रष्टाचार को खत्म करने में मदद नहीं कर सकती है।

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