शनि देव को हमेशा से ही न्याय का देवता कहा जाता आ रहा है, यह कर्मो के आधार पर लोगों को फल देने का काम करते हैं। कुछ लोगों को लगता है कि शनि देव केवल बुरे कर्मो का ही फल देते हैं पर ऐसा नहीं है वे अच्छे और बुरे दोनों कर्मो का फल देने का कार्य करते हैं। आपने बहुत बार सुना होगा कि साढ़ेसाती चल रही है। पर आखिर ये शनि की साढ़ेसाती होता क्या है? अगर आप भी इसके बारे में जानना चाहते हैं तो इस लेख में आपको शनि की साढ़ेसाती से सम्बन्धित कई प्रश्नों के उत्तर मिल जाएँगे। जैसे शनि की साढ़ेसाती कैसे लगती है? साढ़ेसाती से बचाव का मंत्र और उपाय आदि ।
शनि की साढ़ेसाती कैसे लगती है?
शनि की साढ़ेसाती का मतलब है कि वह साढ़े 7 साल का समय जिसमे शनि देव प्रभाव जातक पर अत्यधिक रहता है और उसे कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे – शारीरिक कष्ट, मानसिक समस्याएँ, आर्थिक समस्याएँ आदि।
ज्ञानग्रंथ का WhatsApp Channel ज्वाइन करिये!शनि 12 राशियों को घूमने में 30 साल का समय लेते हैं अर्थात शनि एक राशि में लगभग पुरे ढाई साल तक रहते हैं. कुंडली में चंद्र राशि जिसे जन्म राशी भी कहते हैं पर 12वें स्थान पर शनि का गोचर प्रारंभ होता है तो इसी समय से उस राशि के जातक पर साढ़ेसाती शुरू हो जाती है।
ज्योतिष शास्त्र में इसके बारे में विस्तृत रूप से बताया गया है। जब शनि जन्म कुंडली में स्थित चंद्रमा से चतुर्थ भाव, अष्टम भाव में भ्रमण करता हैं, तब इसे शनि की छोटी साढ़ेसाती कहते हैं। तथा इसके अतिरिक इसके अलावा शनि ग्रह कुंडली के पहले, दूसरे, बारहवें औऱ जन्म के चंद्र के ऊपर से गुजरे तब भी शनि की साढ़े साती होती है। साढ़े साती के तीन चरण होते हैं, जिसमे पहला चरण आर्थिक,दूसरा पारिवारिक और तीसरा चरण में सबसे ज्यादा सेहत पर पड़ता है।
साढ़ेसाती से बचाव का मंत्र और उपाय
अपराधसहस्त्रानि नियन्तेऽहनिथशंमया। दासोऽयनमनि मांमत्वा क्षमस्व परमेश्वर।।
गिंपापंगिंदु:खंगिंदाररद्रय मेव च। आगित: सुख-संपनि पुण्योऽहं तव दर्शनात।।
साढ़ेसाती से बचने के लिए शनिवार के दिन तिल और सबूत दाल का दान करने से तथा शनि देव के मंदिर जाने से साढ़ेसाती का प्रभाव कम हो सकता है।
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