इस लेख में आप जानेंगे कि शेरनी को संस्कृत में क्या कहते हैं?
संस्कृत भाषा सबसे प्राचीन भाषा है और यह कई भाषाओँ की जननी मनाई जाती है, हिन्दू धर्म में इस भाषा का अत्यधि महत्व है तथा हिन्दू धर्म में प्रचलित और मानी धार्मिक पुस्तके संस्कृत में ही लिखी गयी है। तथा ईश्वर की पूजा के लिए भी जिन मंत्रो का उपयोग होता है वह संस्कृत में ही लिखे गये हैं और हवन आदि के समय भी इन संस्कृत शब्दों का ही उपयोग होता है।
ज्ञानग्रंथ का WhatsApp Channel ज्वाइन करिये!बच्चे के विषय से यह संस्कृत भाषा विलुप्त होती जा रही है केवल कुछ ही विद्यालय है जो इस भाषा का ज्ञान बच्चो को देते हैं तथा अपने विषय में संस्कृत को शामिल किये हुए हैं, पर अधिकांश विद्यालयों में अंग्रेजी भाषा महत्वपूर्ण हो चुकी है और सभी भाषाओ की लघ ले चुकी है।
शेरनी को संस्कृत में क्या कहते हैं?
शेरनी को संस्कृत में सिंहिनी या सिंहनी कहते हैं। शेर का स्त्री लिंग शेरनी होता है, तथा यह जंगल के शक्तिशाली जानवरों की श्रेणी में आता है इसीलिए इसे जंगल का राजा भी कहां जाता है। यह मांसाहारी होता है तथा भोजन के लिए जानवरों का शिकार करता है, यह कई बार झुण्ड में भी शिकार करते हैं और कई बार अकेले भी।
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