आज का यह लेख सूक्ष्म अर्थशास्त्र से सम्बन्धित है। इस लेख में हम जानेंगे कि सूक्ष्म अर्थशास्त्र क्या होता है? अधिकांश परीक्षाओ में यह प्रश्न जरुर आता है कि सूक्ष्म अर्थशास्त्र से आपका क्या अभिप्राय है? तो आइये जानते है इसके बारे में।
सूक्ष्म अर्थशास्त्र से आपका क्या अभिप्राय है?
सूक्ष्मअर्थशास्त्र में आपूर्ति पर केंद्रित है अर्थव्यवस्था के मूल्य स्तर का निर्थारण होता है। इस अर्थशास्त्र में व्यक्तिगत उपभोक्ता, फर्म, परिवार के व्यवहार का अध्ययन होता है।इस प्रकार कि अर्थव्यवस्था में व्यक्तिगत अवयव , परिवार एवं फर्म , सीमित संसाधनों के आवंटन के फेसले लिए जाते है। इस अर्थव्यवस्था में मुख्य मुद्दों मांग, आपूर्ति, उत्पाद मूल्य निर्धारण, कारक मूल्य निर्धारण, खपत, आर्थिक कल्याण आदि मोजूद हैं। राष्ट्रीय आय, सामान्य मूल्य स्तर, वितरण, रोजगार, रुपये व कुछ और अन्य गतिविधिया शामिल है।
उत्पाद की कीमतें निर्धारित करने में भी अत्यधिक उपयोगी है। सूक्ष्म अर्थशास्त्र एक कम, या सूक्ष्म स्तर पर आर्थिक निर्णयों सहायक है। आसान भाषा में कहा जाए तो सूक्ष्मअर्थशास्त्र उत्पादन के कारकों की कीमतों के बारे में भी दर्शाता है और अनेक प्रकार की वस्तुओ की कीमत निर्धारण में मुख्य भूमिका निभाता है।
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