आध्यात्मिक ज्ञान की बातें जीवन को अर्थपूर्णीकृत करने और आध्यात्मिकता की दिशा में मार्गदर्शन करने में मददगार हो सकती हैं। आध्यात्मिकता के इन मुद्रित वाक्यों में मननीय भगवान के प्रेम, आत्मा की महत्वपूर्णता, कर्म का महत्व, और अध्यात्मिक उन्नति के विचार व्यक्त होते हैं। साझा किए गए सुविचार आपको प्रेरणा देने और उन्हें अपने आध्यात्मिक सफर में मदद करने में सहायक हो सकते हैं। आध्यात्मिक ज्ञान मानसिक, आत्मिक और आध्यात्मिक स्तर पर उन गहराईयों तक पहुँचने में मदद करती है, जो सामान्य ज्ञान से परे होते हैं। यह ज्ञान मानवता के अस्तित्व के मूल तत्वों, जीवन के उद्देश्य और अर्थ, और आध्यात्मिक उन्नति की दिशा में मार्गदर्शन करता है।
आध्यात्मिक ज्ञान की बातें
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ज्ञानग्रंथ का WhatsApp Channel ज्वाइन करिये!ईश्वर का अलग से कोई अस्तित्व नहीं है, हर कोई सही दिशा में उचित प्रयास करके देव तत्व प्राप्त कर सकता है। भगवान महावीर
मन चंचल और सफेद कपड़े की भांति होता है, इसे जिस रंग में डुबाओगे इस पर वही रंग चढ़ जाएगा। – अज्ञात
भगवान हमें बनाकर खुद को पाता है। – रविंद्रनाथ टैगोर
सच्चे गुरु की सेवा करते हुए स्थाई शांति प्राप्त होगी। जन्म और मृत्यु के कष्ट मिट जायेंगे। – गुरु गोविन्द सिंह
जिसके पास जितना काम ज्ञान होगा वो अपने ज्ञान के प्रति उतना ही जिद्दी होगा। – ओशो
सभी धर्म समान है। किसी धर्म की कट्टरता इसको भिन्न नहीं कर सकती। – अज्ञात
अध्यात्मक जीवन पूर्ण निस्वार्थता है। – शिवानंद महाराज
जो व्यक्ति अपनी शर्म खो चुका हैं वह वास्तव में खोया हुआ है। – अज्ञात
केवल वो लोग जो कुछ भी नहीं बनने के लिए तैयार हैं, प्रेम कर सकते हैं। – ओशो
सत्य को स्थापित होने के लिए तीन चरणों में गुजरना होता है – उपहास, विरोध और अंत में स्वीकृति। – श्री आशुतोष महाराज जी
कोई भी ऐसी समस्या जिसको सुलझाना आपके सामर्थ से बाहर हैं, लेकिन ईश्वर के सामर्थ से नहीं। भरोसा कीजिये।
साधारण चीज़े ही असाधारण होती हैं केवल बुद्धिमान लोग ही इसे देख पाते हैं। – पोलो कोइला
जीवन में सबसे खूबसूरत क्षण ऐसे क्षण होते हैं जब आप अपनी खुशी व्यक्त कर रहे होते हैं, न कि जब आप इसे चाह रहे होते हैं। – सध्गुरु
प्रकृति हमारी खूबसूरती, बौद्धिक, संज्ञानात्मक और यहां तक कि आध्यात्मिक संतुष्टि की कुंजी रखती है। – ई.ओ. विल्सन
गुरु, पिता व ज्येश्ठ भ्राता , जो धर्म पालन का ज्ञान देते हों वे सभी पिता सामान होते हैं। – रामायण
कुएं में उतरने वाली बाल्टी झुकती है तब ही पानी लेकर आती है। जीवन में कुछ पाना है तो झुकना सीखिए। – अज्ञात
सज्जनों की संगति में आने पर कुछ समय पश्चात ही दुर्जनों में भी सज्जनता आ ही जाती है। – क्षेत्रचूड़ामणि
जो वेद और शास्त्र के ग्रंथों को याद कर लेता है किंतु उनके यथार्थ तत्व को नहीं समझता, उसका वह याद रखना व्यर्थ है। – महर्षि वेदव्यास
आध्यात्मिक ज्ञान की बातें
धन-धान्य से युक्त व्यक्ति की तुलना उस छोटी सी चींटी से भी नहीं की जा सकती जिसमे ईश्वर का प्रेम भरा है। – गुरु नानक देव
खूबसूरती दिल और जमीर में होनी चाहिए, लोग बेवजह उसे शक्ल और कपड़ों में टटोलते हैं। – अज्ञात
भगवान के दरवार में सभी कर्मों का लेखा-जोखा रहता है। – गुरु नानक
याद रखें ; महान प्रेम और महान उपलब्धियों में महान जोखिम भी उठाने पड़ते हैं। – दलाई लामा
मनुष्य स्वयं अपने भाग्य का निर्माता है।
मेरा धर्म बहुत सरल है। मेरा धर्म दयालुता है। – दलाई लामा
अभीष्ट फल की प्राप्ति हो या न हो, विद्वान पुरुष उसके लिए शोक नहीं करता। – महर्षि वेदव्यास
जुवान एक तेज धार वाले चाकू के समान भी हो सकती है जो बिना खून बहाये किसी को भी मार सकती है। – गुरु नानक देव
क्रोध हमारा शत्रु हैं जो हमें मित्र जैसा लगता है परन्तु यह हमारे जीवन का अंत करने में समर्थ्य है। क्रोध एक तलवार की तेज़ धार की भांति है जो हमारा सबकुछ नस्ट कर सकता हैं। – रामायण
हज़ारों शब्दों से बढ़कर केवल एक ऐसा शब्द जो शांति लाये वो श्रेष्ठ है। – गौतम बुद्ध
यदि आप सिर्फ भविष्य के बारे में सोचते रहेंगे तो वर्तमान भी खो देंगे। – गुरु गोविन्द सिंह
सत्संग एक महान महिमा है – वह दुखो को हरता है , पापों को काटता है और जीवन को सुधारता है। – अज्ञात
कहा जाता है कि धर्म के बिना इंसान लगाम के बिना घोड़े की तरह है। – सर्वपल्ली राधाकृष्णन
लोग कहते की पैसा रखो, बुरे वक्त में काम आएगा। मैं कहता हूँ की ईश्वर पर विश्वाश रखो, बुरा वक्त कभी नहीं आएगा। – अज्ञात
आपका मस्तिष्क भागने की कोशिश करता रहता है और उस अस्तर पर जाने का प्रयास नहीं कर रहा है जहाँ गुरु ले जाना चाहते हैं, तुमको उठाना चाहते हैं। – श्री श्री रविशंकर
मैं यह कभी नहीं देखता कि क्या किया गया है; मैं केवल देखता हूं कि क्या किया जाना बाकी है। – गौतम बुद्ध
पूर्ण रूप से ईश्वर में समर्पित हो जाइये। – साईं बाबा
आध्यात्मिक ज्ञान की बातें
जो अग्नि हमें गर्मी देती है वही हमें जला भी सकती है लेकिन यह अग्नि का दोष नहीं है। – स्वामी विवेकानंद।
दुनिया में जो कुछ भी था, मेरा गुरु था। – रमना महर्षि
पाप अँधेरे के समान है जो ज्ञान का उजाला होते ही दूर हो जाता है। – कालीदास
संसार को छोड़ने से परमात्मा नहीं मिलता परंतु परमात्मा के मिलने से दुनिया अपने आप छूट जाती है।
इंसान बुरा तब बनता है जब वो खुद को दूसरों से ज्यादा अच्छा मानने लग जाता है। – अज्ञात
हमारे विचार चीजें बन जाते हैं। – रोंडा बर्न
आध्यात्मिकता का मतलब यह नहीं की आप आँखें बंद करके बैठे रहें, बल्कि सत्कर्म करना ही आध्यात्मिकता है। – अज्ञात
ईश्वर सरल है। बाकी सब कुछ जटिल है। – – परमहंस योगानंद जी
अपने आप का सुधार आपको खुद ही करना होगा, दूसरे तो केवल आपको राह दिखा सकते हैं। – अज्ञात
शांति ईश्वर की वेदी है, वह स्थिति जिसमें सुख मौजूद है। – परमहंस योगानंद जी
बहुत से लोग भूखे हैं इसका मतलब यह नहीं कि भोजन की कमी है। ऐसा इसलिए है क्योंकि मानव के दिलों में प्यार और देखभाल की कमी है। – सध्गुरु
संभव की सीमा जानने का केवल एक ही तरीका है, असंभव से भी आगे निकल जाओ। – स्वामी विवेकानंद
जिस प्रकार वृक्ष फल आने पर नीचे झुक जाता है उसी प्रकार सज्जत व्यक्ति धन और ज्ञान आने पर और विनम्र हो जाते हैं
जो चिंता करता है वह दुखी है। जो चिंतन करता है वह सुखी है। – अज्ञात
ईश्वर भक्ति में अमीर- गरीब का कोई महत्त्व नहीं है। – अज्ञात
दूसरों से नफरत करना, इर्षा करना बहुत आसान है, परन्तु प्रेम करना, सदभाव रखना मुश्किल। अच्छी चीज़ो को पाना बहुत मुश्किल होता है, परन्तु बुराई आसानी से प्राप्त हो जाती है। – कन्फ्यूशियस
प्रेम मन को नियंत्रित करने का सबसे संतोषजनक तरीका है…। भक्ति हमें एकांगी बनाती है जब यह हमारी सहज प्रेम की भावना को जागृत करती है। – राधानाथ स्वामी
समय कितना भी कठिन हो अपनी आस्था को कम न होने दें। भगवान जिससे अधिक प्यार करते हैं उन्हें ही अग्नि परीक्षाओं से होकर गुजारते हैं। – साई बाबा
इस तरह न कमाओ की पाप हो जाये, इस तरह खर्च न करो की क़र्ज़ जो जाये। इस तरह न खाओ की मर्ज हो जाये। इस तरह से न बोलो की झगड़ा हो जाये। इस तरह न चलो की देर हो जाये और इस तरह न सोचते रहो की चिंता हो जाये। – अज्ञात
आप जो भी करें लेकिन होता वही है जो ईश्वर चाहते हैं। इसलिए आप वो करें जो ईश्वर चाहते हैं, फिर वही मिलेगा जो आप चाहते हैं।
Spiritual Quotes In Hindi
हमेशा आराम की चाहत में तुम आलसी हो जाते हो। हमेशा पूर्णता की चाहत में तुम क्रोधित हो जाते हो, हमेशा अमीर बनने की चाहत में तुम लालची हो जाते हो। – श्री श्री रविशंकर
माफी मांगने का यह अर्थ नहीं की आप गलत है और सामने वाला सही ! इसका अर्थ है की आप रिश्तों की कीमत जानते हैं और निभाने की काबीलियत रखते हैं। – अज्ञात
जिस प्रकार एक मोमबत्ती बिना आग के नहीं जल सकती, उसी प्रकार व्यक्ति आध्यात्मिक जीवन के बिना अधूरा है। – गौतम बुद्ध
बिना गुरु के कोई दूसरे किनारे पर नहीं जा सकता। – गुरु नानक देव।
घमंड न करना ज़िन्दगी में क्योंकि तकदीर बदलती रहती है, शीशा वही रहता है बस तस्वीर बदलती रहती है। – चाणक्य
सुंदर स्त्री हीरा है, लेकिन नेक स्त्री हीरों का खजाना है। – सादी
टोकरे खा कर भी न सम्भले तो मुसाफिर का नसीब। पत्थरों ने तो अपना फ़र्ज़ निभा दिया है। – अज्ञात
कुछ लोग बहुत कुछ कहकर भी प्रभावशाली छवि नहीं बना पाते। कुछ लोग चुप रखकर भी प्रभावशाली छवि बना लेते हैं। – दलाई लामा
जब आप कुछ गवां बैठते हैं तो उससे प्राप्त शिक्षा का न गवायें। – दलाई लामा।
जैसा मैं चाहूं वैसा ही हो जाए, जब तक यह इच्छा रहेगी , तब तक शांति नहीं मिल सकती। – अज्ञात
अध्यात्मक विचारों के आभाव में व्यक्ति गुमराह हो जाता है। – अज्ञात
जो बाहर की सुनता है बिखर जाता है, जो अपने अंदर की सुनता है सवर जाता है, और आध्यात्मिकता अंदर से आती है। – अज्ञात
जो व्यक्ति पवित्र और साहसी है वो कुछ भी कर सकता है। – स्वामी विवेकानंद
चिंता चिता के समान है। – अज्ञात
दोस्ती हमेशा मेरी आध्यात्मिक यात्रा के मूल में रही है। – हेनरी नोवेन
जो धन, दूसरों की भलाई करने में मदत न कर सके तो ऐसे धन का कोई मूल्य नहीं। ऐसा धन सिर्फ बुराई का ढेर है, और और इससे जितना जल्दी छुटकारा मिल जाये उतना बेहतर है। – स्वामी विवेकानंद
खुद पर काबू पा लेना ही मनुष्य की सबसे बड़ी जीत होगी।
ईश्वर का नाम सभी लेते है, परन्तु ईश्वर का नाम लेने भर से ईश्वर को पाया नहीं जा सकता। – अज्ञात
मैंने सब कुछ देखने के लिए अपनी आँखें बंद कर लीं। – पॉल गौगुइन
किसी भी मनुष्य के लिए दया , सद्भावना व मानवता महा पुण्यकारी गुण हैं। – रामायण
शास्त्र अनुसार निंदा सुनाने वाला भी उतना ही दोषी है, जितना की निंदा करने वाला। – अज्ञात
प्रेम मन को नियंत्रित करने का सबसे संतोषजनक तरीका है…। भक्ति हमें एकांगी बनाती है जब यह हमारी सहज प्रेम की भावना को जागृत करती है। – राधानाथ स्वामी
आँख से अच्छी तरह देख-भाल कर पैर धरे, कपडे़ से छान कर जल पिए, शास्त्रसम्मत बात कहे और मन को हमेशा पवित्र रखे। आप हमेशा सज्जनता से परिपूर्ण रहेंगे। – आचार्य चाणक्य
बोलने के लिए शब्द मुफ्त में मिलते हैं, लेकिन आप जैसा प्रयोग करेंगे उसकी वैसी ही कीमत चुकानी पड़ेगी। – अज्ञात
एक बात पानी से सीखी जा सकती है ; छोटी छोटी नदियाँ शोर मचाती हैं परन्तु महासागर शांत रहता है। – गौतम बुद्ध
असफलता का मौसम सफलता के बीज बोन के लिए सबसे अच्छा मौसम होता है। – परमहंस योगानंद जी
चाहें कितनी भी विपत्ति आये पर सज्जन व्यक्ति अपनी सज्जनता नहीं छोड़ते, इसी सज्जनता से समूचे विश्व का कल्याण होता है।
कोई व्यक्ति चाहें कितनी भी चीज़े जान ले, चाहें वो इस संसार का ज्ञान जान ले। परन्तु यह स्वम् को नहीं जनता तो वह अज्ञानी है। – ओशो
आपका कर्तव्य ही धर्म है, प्रेम ही ईश्वर है, सेवा ही पूजा है, और सत्य ही भक्ति है। – अज्ञात
आपके विचार ही हर चीज का प्राथमिक कारण हैं। रोंडा बर्न
आप जो करना चाहते हैं वो जरूर करिये, यह मत सोचिये की लोग क्या कहेंगे, क्योंकि लोग तो तब भी कहेंगे जब आप कुछ नहीं करेगें। – ओशो
जिस दिन हमारा मन परमात्मा को याद करने, और उसमे दिलचस्पी लेना शुरू कर देता है उसी दिन से हमारी परेशानियाँ भी हम में दिलचस्पी लेना बंद कर देती हैं। – गुरु रामदास
हमारे दिमाग में जन्मे विचार ही हमारी तकदीर लिखते हैं। – अज्ञात
तुम जिस चीज़ के भागते हो उसी को खो देते हो। – गौतम बुद्ध
आपका खुश रहना ही आपके दुश्मनो के लिए सबसे बड़ी सजा है। – चाणक्य
बुरा हमेशा वही बनता है जो अच्छा बनकर टूट जाता है। अच्छाई का सम्मान करों नहीं तो एक दिन वही अच्छाई आपके ऊपर बुराई का रूप बनकर टूट पड़ेगी। – स्वामी विवेकानंद
हर आत्मा परमात्मा की ही अंश है और हर आत्मा का अंतिम लक्ष्य परमात्मा में मिल जाना है। – अज्ञात
परिपक्वता (Maturity) गरिमा की सीमा के भीतर अपनी भावनाओं को सोचने, बोलने और कार्य करने की क्षमता है। आपकी परिपक्वता का माप यह है कि आप अपनी कुंठाओं के बीच कितने आध्यात्मिक हो जाते हैं। – सैमुअल उलेमान
आप देखेंगे की भगवान भी मेहनती लोगों की ही मदद करता है. यह नियम स्पष्ट है। – ए पी जे अब्दुल कलाम
जब प्यार और नफरत दोनों चीज़ न हो तो हर चीज़ साफ़ और स्पष्ट हो जाती है। – ओशो
इंसान को बेसक हर गुण त्याग देना पड़े, लेकिन मानवता का गुण नही त्यागना चाहिए।
ईश्वर के प्रति अपनी आस्था को कठिन समय में कम न होने दे, क्योंकि ईश्वर जिससे अधिक प्यार करते है उन्हें ईश्वर अग्नि परीक्षाओं से गुजारते है।
दिल या दिमाग से लिए गए फैसले गलत हो सकते है, लेकिन अंतरात्मा की आवाज सुनकर लिया गया फैसला कभी गलत नही हो सकता है।
एक व्यक्ति अपनी राह भटक जाता है जब वह पूर्णतः लोभ में डूब जाता है।
सभी लोग कहते है कि अपने पास पैसा रखो मुसीबत के समय काम आएगा, लेकिन में कहता हूं कि भगवान पर यकीन रखो बुरा समय ही नही आएगा।
Inspirational Spiritual Quotes in Hindi
अगर आपके मन में कोई बैर है तो आपका मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारा जाना सिर्फ एक सैर है।
अगर आपको उपवास ही रखना है तो अन्न का नही बुरे विचारों का रखें।
जब कोई व्यक्ति समाज से जुड़ी वस्तु को पाने का लाभ छोड़कर समाज की भलाई के बारे में सोचना शुरू कर लेता है तब वह आध्यात्म को प्राप्त कर लेता है।
ईश्वर को सिर्फ उनकी भक्ति से ही जाना जा सकता है क्योंकि उन्हें जानने का कोई ओर तरीका नही है।
इंसान को अपने हर कर्म का फल भुगतना ही पड़ता है, चाहे कर्म अच्छे हो या फिर बुरे, कुछ कर्मो के फल तुरंत मिल जाते है तो कुछ कर्मों के फल भविष्य में मिलते है।
ईश्वर से यह मत कहो कि समस्या विकट है, बल्कि समस्या से बोल दो की ईश्वर मेरे निकट है।
अगर उपवास रखने से ईश्वर खुश होते है तो सबसे खुशनसीब इंसान वो भूखा भिखारी होता जो कई दिनों तक भूखा रहता है।
हमारा कर्तव्य ही धर्म है, हमारा प्रेम ही ईश्वर है, हमारी सेवा ही पूजा है और हमारा सत्य ही ईश्वर की भक्ति है।
में कुछ तो हूं, क्योंकि ईश्वर कोई फालतू चीज नही बनाता है।
ईश्वर के दरबार में सभी इंसानों के कर्मो का लेखा-जोखा रहता है।
जिस तरह से एक मोमबत्ती बिना आग के जल नही सकती है, उसी तरह इंसान आध्यात्मिक जीवन के बिना अधूरा है।
इंसान का भाग्य उन्ही कर्मो का फल होता है, जो उन्होंने अतीत में किया है, इसी तरह वो लोग आज जो कर्म कर रहे है वो उनके आने वाले कल का निर्धारण करते है।
जिस दिन हमारा मन ईश्वर को याद करने और उनकी भक्ति करना शुरू कर देता है, उसी दिन से हमारी परेशानियां भी हम में दिलचस्पी लेना बंद कर देती है।
न किसी को नुकसान पहुंचाना ही पाप है बल्कि किसी को कमजोर बनाना भी पाप की श्रेणी में आता है।
अगर आप किसी भूखे इंसान को खाना खिलाओगे तो ईश्वर आपसे जरूर खुश होंगे क्योंकि ईश्वर सिर्फ प्रेम के भूखे है।
जो आग हमें गर्मी देती है वह हमे जला भी सकती है लेकिन इसमें आग का कोई दोष नही है।
इंसान के नश्वर शरीर की कई इच्छाएं होती है, परन्तु अमर आत्मा की केवल एक ही इच्छा होती है और वह है शान्ति की प्राप्ति।
ईश्वर की भक्ति हमे धन तो नही देती है, लेकिन खुशी जरूर देती है, खुशी से बढ़कर कोई स्वर्ग नही है और निराशा से बढ़कर कोई दूसरा नरक नही है।
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