आज के इस लेख में आप जानेंगे कि सुभद्रा कौन थी तथा यह किसकी पुत्री थी? और किस तरह बलराम के न मानने पर भी कृष्ण ने अपनी बहन सुभद्रा का विवाह अर्जुन से करवाया था।
सुभद्रा भगवान श्री कृष्ण की बहन थी जिनका विवाह अर्जुन के साथ हुआ था तथा इन्होने ही अभिमन्यु को जन्म दिया था जिसमे चक्रव्यू भेदने की शिक्षा अपनी माँ के गर्भ में ही सिख ली थी परन्तु उन्हें चक्रव्यू से बाहर आने के बारे में नहीं पता था इसीलिए मात्र 16 वर्ष की उम्र में अभिमन्यु जैसे पराक्रमी वीर की मृत्यु हो गयी थी। सुभद्रा का उल्लेख श्रीमद्भागवत पुराण में मिलता है। आइयें सुभद्रा के बारें में और विस्तार से जानते हैं।
सुभद्रा किसकी पुत्री थी?
सुभद्रा वासुदेव और रोहिणी की पुत्री थी, वासुदेव की दो पत्नियाँ थी जिनमे पहली देवकी तथा दूसरी रोहिणी थी। कृष्ण के भाई बलराम रोहिणी के ही पुत्र थे तथा कृष्ण वासुदेव ततः देवकी के पुत्र थे। सुभद्रा का विवाह अर्जुन के साथ हुआ था जो कृष्ण ने ही करवाया था परन्तु बलराम सुभद्रा का विवाह कौरव वंश में करवाने की इच्छा रखते थे। सुभद्रा और अर्जुन का विवाह द्वारका में सम्पन्न हुआ था। बलराम के कारण कृष्ण ने अर्जुन के द्वारा सुभद्रा का हरण करवा कर इस विवाह को पूर्ण किया था क्योकि बलराम इस विवाह के विरुद्ध थे। कई लोगों का माना है कि सुभद्रा देवी योगमाया का पुनर्जन्म थी। अर्जुन अपने भाइयों के साथ द्रोपती से विवाह कर चुकें थे तथा द्रोपती भी कृष्ण को अपना भाई मानती थी, कृष्ण ने ही चीर हरण के दौरान द्रोपती की लाज बचाई थी।
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