जानिए यहाँ कि उड़द की फसल कब बोई जाती है? और साथ ही आपको यहाँ जानने को मिलेगा की उड़द की फसल के लिए कैसे जलवायु की जरूरत होती है? उड़द की फसल से स्म्बन्थित और भी बहुत सी जानकारी आपको इस पोस्ट के द्वारा प्राप्त हो जाएगी।
उड़द की फसल
उड़द की खेती के लिए नम और गर्म मौसम जरूरत होती है। दलहनी फसलों में उड़द का मुख्य स्थान है। इन फसलो की खेती वर्तमान समय में ग्रीष्म ऋतु में होने लगी है। उड़द की खेती खासकर महाराष्ट्र, आंधप्रदेश, उत्तरप्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडू तथा बिहार में होती है। उड़द को हरी खाद के नाम से भी जाना जाता है क्योकि यह खेत की भूमि को भी पोषक तत्व प्रदान करती है। यह अति वर्षा और अति ताप में विकसित नही होती है इसके लिए 25-35 डिग्री सेल्सियस उच्च तापमान है।
उड़द की फसल कब बोई जाती है?
मानसून के प्रारम्भ में उड़द की फसल की बुआई की जाती है यानिकी जून के अंतिम सप्ताह में पर्याप्त वर्षा होने पर बुवाई कर सकते है । पोधो की कतारों की दूरी 30 सेमी तथा पौधों से पौधों की दूरी 10 सेमी रखनी होती है और ग्रीष्म काल में इन फसलो की बुआई पहले नही की जाती थी पर अब संसाधनो की मदद से यह भी सम्भव हो सका है। उन्हें ज्यादा उर्वरक की जरूरत नही होती है। इन फसलो में गंधक युक्त उर्वरक जैसे सिंगल सुपर फास्फेट, अमोनियम सल्फेट, जिप्सम आदि का इस्तेमाल करना चाहिए।
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