प्रथम पेपर मिल के बारें में जानने के लिए इस लेख को आखिर तक जरुर पढ़ियेगा। वैश्विक, आर्थिक व सामाजिक व्यवस्था में कागज का अत्यंत ही महत्वपूर्ण योगदान है। कागज के बिना न तो शिक्षा हेतु किताबों और न ही धन के रूप में उपयोग होने वाले नोटों का निर्माण हो पता। आज भी सभी विभागों में भी कागज का बहुतायत से उपयोग होता है। आईये आज हम आपको बताते हैं कि विश्व की प्रथम पेपर मिल की स्थापना कहाँ हुई थी? (Vishva Ki Pratham Paper Mill Ki Sthapna Kahan Hui Thi)
प्राचीन काल में भले ही पत्तों, शिलाओं पर जानकारी को संकलित करके रखा जा सकता था मगर आज के युग में हमें इतनी अधिक जानकारी व आंकड़ों की आवश्यकता होती है कि जो कागज के अलावा केवल कंप्यूटर पर ही स्टोर की जा सकती है। परन्तु फिर भी कंप्यूटर के होने के बाद भी कागज की आवश्यकता हमें आज भी है।
ज्ञानग्रंथ का WhatsApp Channel ज्वाइन करिये!कागज का इतिहास
कागज का अविष्कार सन 105 में चीन के काई लुन (Cai Lun) ने किया था। काई ने पेड़ के छाल, भांग, शहतूत तथा अन्य प्रकार के रेशों का उपयोग करके कागज का निर्माण किया था। विश्व का पहला कागज काफी मुलायम एवं लाचीला था व दिखने में चमकदार था एवं इसपर लिखना भी काफी आसान था.
Vishva Ki Pratham Paper Mill Ki Sthapna Kahan Hui Thi?
विश्व की प्रथम पेपर मिल की स्थापना सन् 1390 में जर्मनी के नूर्नबर्ग शहर में की गयी थी।
FAQs
भारत की पहली पेपर मिल का नाम तो किसी को पता नहीं मगर हाँ इसकी स्थापना 1812 में सेरामपुर (बंगाल) में की गई थी, लेकिन कागज की मांग में कमी के कारण यह विफल रही।
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