जब भी हम श्री कृष्ण गाथा या कृष्ण लीलाओं के बारे में सुनते हैं तो माँ देवकी एवं यशोदा का नाम जरूर उसमें आता है। ये कृष्ण कन्हैया की दोनों माताओं के नाम हैं।
इनमे से एक यानि माता देवकी ने भगवान श्री कृष्ण को जन्म दिया और माता यशोदा ने उनका लालन पोषण किया। देवकी कंस की प्रिय चचेरी बहन थी परन्तु नियति ने ऐसा खेल रचाया कि कंस अपनी ही चचेरी बहन का क्षत्रु बन गया।
आज हम आपको संक्षिप्त में देवकी की कहानी बताएँगे व साथ ही यह भी बताएँगे कि देवकी किस जाति की थी – Devki Kis Jati Ki Thi?
कौन थी देवकी?
देवकी मथुरा के राजा उग्रसेन के भाई देवक की पुत्री थी। वह कंस की चचेरी बहन थी। इन्हें देवमाता अदिति का अवतार भी माना जाता है। देवकी का विवाह कंस ने अपने प्रिय मित्र वासुदेव के साथ करवाया था। वासुदेव व देवकी की संतान श्री कृष्ण हैं। इसीलिए कृष्ण को देवकीनंदन भी कहा जाता है।
देवकी किस जाति की थी?
पौराणिक गाथाओं के अनुसार देवकी चंद्रवंशी क्षत्रिय यादव राजा उग्रसेन के भाई देवक की पुत्री थी। अतः देवकी की जाती चंद्रवंशी क्षत्रिय यादव थी।
कई वर्षों तक सहा कंस का अत्याचार
देवकी की विदाई के समय भविष्यवाणी हुई थी कि देवकी और वासुदेव की आठवीं संतान ही कंस का अंत करेगी। कंस ने इस भविष्यवाणी को गलत साबित करने हेतु दोनों को कारावास में डाल दिया और उनकी संताओं की हत्या करता रहे। कंस ने देवकी के कुल 6 बच्चों को जन्म लेते ही मार दिया।
इस प्रकार कंस का अत्याचार माँ देवकी कई वर्षों तक सहती रही। जैसे ही कृष्ण लला ने जन्म लिया, महल के सभी लोग व कंस मूर्छित हो गए एवं कारावास के सारे दरवाजे अपने आप ही खुल गए। वासुदेव ने अपने मित्र नन्द के घर कृष्ण को छोड़ दिया और उनकी पुत्री से बदल लिया और कारावास लौट आये।
कंस निद्रा से जाएगा और जैसे ही वह उस कन्या को मारने आया वह उड़ कर अदृश्य हो गयी एवं कंस को कह गयी कि तेरा काल जन्म ले चूका है और अपने सही स्थान पर पहुँच चूका है।
कंस वध के पश्चात कृष्ण ने कराया मुक्त
कृष्ण ने कंस का वध करने के पश्चात् अपने माता पिता को कारावास से मुक्त कराया एवं मथुरा का राज्य पुनः अपने नानाजी यानि उग्रसेन महाराज को सौंप दिया।

FAQs
यशोदा और देवकी का आपस में तो ऐसा कोई सम्बन्ध नहीं था परन्तु वे दोनों ही कृष्ण की माँ थी। देवकी ने श्री कृष्ण को जन्म दिया एवं यशोदा ने उनका पालन पोषण किया।
देवकी के पिता का नाम देवक था। उनकी माता के नाम के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है।
माता देवकी को देवमाता अदिति का अवतार माना जाता है। मान्यता यह भी है कि उनका पुनर्जन्म पृष्णि के रूप में हुआ और उस जन्म में उनका विवाह राज सुतपस से हुआ।
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