आज जे इस लेख में हम भगवान परशुराम से जुड़े तथ्यों पर बात करेंगे और साथ ही जानेंगे कि भगवान परशुराम किस जाति के थे?
ब्रह्रावैवर्त पुराण में वर्णित ही कि परशुराम विष्णु के आठवें अवतार तथा माता रेणुका और ॠषि जमदग्नि की चौथी संतान थे। भगवान परशुराम शस्त्र विद्या और शस्त्रों के ज्ञाता थे । भगवान परशुराम ओर कई अनेक विद्याओ का ज्ञान रखते थे वे पशु पक्षियों की भाषा समझने में सक्षम थे पशु पक्षी उनसे बड़ी आसानी से मित्रता कर लेते थे। परशुराम के मुख्य शिष्य भीष्म द्रोण, कौरव-पाण्डवों के गुरु व अश्वत्थामा के पिता एवं कर्ण थे।
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भगवान परशुराम का जन्म ब्राहमण के रूप में हुआ था, पर वे अपने कर्मो से एक क्षत्रिय थे। वैदिक काल के समय में इंसान को कर्मों के आधार पर ही किसी वर्ण विशेष में सम्मिलित किया जाता था। भगवान परशुराम का जन्म ब्राह्मण के यहाँ हुआ था पर भगवान परशुराम कर्म से क्षत्रिय थे।
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