इस लेख में आप जानेंगे की अनेकार्थी शब्द किसे कहा जाता है? आप अनेकार्थी शब्द की परिभाषा तथा उसके उदाहरण को जानने के लिए इस आर्टिकल की मदद ले सकते है।
अनेकार्थी शब्द किसे कहा जाता है?
अनेकार्थी शब्द उन शब्दों को कहते है जिनके एक से अधिक अर्थ होते हैं। जैसा की अनेकार्थी शब्द के नाम से ही प्रतीत होता है की इसका अर्थ है कि अनेक + अर्थ = अनेकार्थी। ऐसे शब्द जिनके अनेक अर्थ हो उसे अनेकार्थी शब्द कहते हैं ऐसे शब्दों का अर्थ परिस्थिति पर निर्भर करता है क्योकि यह अवसर के आधार पर अर्थ प्रकट करते हैं ।
अनेकार्थी शब्द के उदाहरण
अपवाद- कलंक, वह प्रचलित प्रसंग, जो नियम के विरुद्ध हो।
अतिथि- मेहमान, साधु, यात्री, अपरिचित व्यक्ति, यज्ञ में सोमलता लाने वाला, अग़्नि, राम का पोता या कुश का बेटा।
अरुण- लाल, सूर्य, सूर्य का सारथी, इत्यादि ।
आपत्ति- विपत्ति,एतराज।
अपेक्षा- इच्छा, आवश्यकता, आशा, इत्यादि।
आराम- बाग, विश्राम, रोग का दूर होना, निरोग होना।
अंक- भाग्य, गिनती के अंक, नाटक के अंक, चिन्ह संख्या, गोद।
अंबर- आकाश, अमृत, वस्त्र।
अनंत- आकाश, ईश्वर, विष्णु, अंतहीन, शेष नाग।
अर्थ- मतलब, कारण, लिए, भाव, हेतु, अभिप्राय, धन, आशय, प्रयोजन।
अमल- निर्मल, अभ्यास, समय, नशा।
अमर- देवता, पारा, अविनाशी।
अलि- भौंरा, मदिरा, कुत्ता।
अरिष्ट- लहसुन, नीम, कौवा।
अहि- सर्प, सूर्य, कष्ट।
अचल- स्थिर, पर्वत, दृढ़।
अटक- बाधा, भ्रमणशील, उलझन।
अरुण- लाल रंग, सूर्य, सिन्दूर।
ईश्वर- परमात्मा, स्वामी, शिव, पारा, पीतल।
इतर- दूसरा, साधारण, नीच।
इंगित- संकेत, अभिप्राय, हिलना-डूलना।
इन्द्र- देवराज, राजा, रात्रि।
एकांत- तत्पर, स्वस्थचित्त।
एकाक्ष- काना, कौवा।
ऐरावती- इरावती नदी, बिजली, वटपत्री।
कर- हाथ, टैक्स, किरण, सूँड़ ।
काल- समय, मृत्यु, यमराज।
कला- अंश, किसी कार्य को अच्छी तरह करने का कौशल।
कर्ण- कर्ण (नाम), कान।
गण- समूह, मनुष्य, भूतप्रेतादि, शिव के गण, छन्द में गिनती के पद, पिंगल के गण।
गुरु- शिक्षक, ग्रहविशेष, श्रेष्ठ, बृहस्पति, भारी, बड़ा, भार।
गो- बाण, आँख, वज्र, गाय, स्वर्ग, पृथ्वी, सरस्वती, सूर्य, बैल, इत्यादि।
गुण- कौशल, शील, रस्सी, स्वभाव, लाभ, विशेषता, धनुष की डोरी।
गति- पाल, हालत, चाल, दशा, मोक्ष, पहुँच।
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