आज आप जानेंगे कि बवासीर में मछली खाना चाहिए या नहीं
बवासीर में मछली खाना चाहिए या नहीं
बवासीर दो तरह की होती है पहली खुनी बवासीर जिसमे बिना दर्द के मल के साथ खून आता है तथा दूसरी बादी बवासीर इसमें कब्ज हो जाता है, पेट में दर्द आदि की समस्या रहती है। इस रोग के होने के कई कारण हो सकते हैं जैसे यह अनुवांशिक भी हो सकता है, आपकी दिन चर्या, अधिक समय तक खड़े रहने की वजह से जैसे बस कंडक्टर, ट्रॉफिक पुलिस आदि की जॉब, मजदूरी करने से, वजन उठाने का काम करने से आदि।
इस रोग में मल त्याग में समस्या आती है जिससे टॉयलेट में काफी समय लग जाता है और इसका असर शरीर की रक्त वाहिनियो पर होता है। इस रोग से राहत के लिए नियमित दिन चर्या का होना व इसके अलावा तरल पदार्थ खाएं, हरी सब्जी खाए, मसला कम खाएं। बवासीर के मुख्य लक्ष्ण है कि शौच के बाद भी पेट साफ़ ना होना, शौच में खून आना, शौच के समय दर्द, कब्ज, गुदा के आस पास खुजली।
बवासीर से राहत के लिए अच्छी दिनचर्या की जरूरत है। इसमें आपको बहुत सी चीजो से परहेज करना होता है वरना यह रोग और बड़ सकता है।
- मिर्च न खाएं
- सुपारी, गुटखा, सिगरेट और पान मसाला
- राजमा, मसूर और बीन्स
- घी
- मांस मछली और अंडा
कुछ और महत्वपूर्ण लेख –
- एकादशी को चावल क्यों नहीं खाना चाहिए?
- खाना खाने के कितनी देर बाद शुगर टेस्ट करना चाहिए?
- पपीता रात को खाना चाहिए या नहीं?