इस आर्टिकल में आप पढेंगे कि डायबिटीज के कारण, लक्षण और उपाय, साथ ही यह भी जानेंगे कि खाना खाने के कितनी देर बाद शुगर टेस्ट करना चाहिए?
हेल्थ एक्सपर्ट संदीप गुप्ता के अनुसार पहले के समय में डायबिटीज केवल बड़ी उम्र के लोगो की बीमारी थी पर आज कल यह कम उम्र के लोगो में भी पाई जाती है इसका कारण अनियमित दिनचर्या, असंतुलित खाना आदि है।
डायबिटीज को हिंदी में मधुमेह कहा जाता है, शरीर में इंसुलिन की कमी के कारण चीनी की मात्रा बड़ जाती है। इन्सुलिन का काम शरीर के भागो को शुगर पहुचाना है पर इन्सुलिन का कम निर्माण कोशिकाओ में शुगर के जमाव की समस्या उत्पन्न करता है। यह अनुवांशिक बीमारी भी है या अधिक तनाव, अनियमित खानपान तथा आहार भी डायबिटीज के मुख्य कारण है।
डायबिटीज के प्रकार
टाइप-1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes) –
इस प्रकार की डायबिटीज में शरीर में इन्सुलिन का निर्माण जरूरत से काफी कम होता है।
टाइप-2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes)
इस प्रकार की डायबिटीज में शरीर इन्सुलिन बनाता तो है पर उसका उपयोग नही कर पाता है जिस कारण डायबिटीज की समस्या हो जाती है।
डायबिटीज के लक्षण
- मसूड़ें में संक्रमण का खतरा
- हाथ और पैरों में झनझनाहट
- घाव धीरे धीरे ठीक होना
- अधिक पेशाब आना
- धुंधला दिखना
- मुँह सूखना
- उल्टी का मन होना
- त्वचा में खुजली
- अनियंत्रित वजन
- कमजोरी महसूस करना
- अधिक भूख लगना
डायबिटीज से बचने के उपाय
डायबिटीज से बचने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करें तथा असंतुलित आहार ले, सूखे मेवों में बादाम, अखरोट, अंजीर का सेवन करें, कम से कम चीनी खाएं, आम, केला, लीची, अंगूर खाने से बचे, सेब, अनार, संतरा, पपीता, जामुन, अमरुद खा सकते हैं, पैदल चले, नशे से दूर रहे आदि।
खाना खाने के कितनी देर बाद शुगर टेस्ट करना चाहिए?
खाना खाने के 8 घंटे बाद शुगर टेस्ट करना चाहिए। 40 से 50 की उम्र के बीच फास्टिंग शुगर लेवल 90 से 130 mg/dL होनी चाहिए तथा खाने के बाद 140 mg/dl कम और डिनर के बाद 150 होना ठीक माना जाता है।
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