इस लेख में बेरोजगारी से आप क्या समझते हैं? इस महत्वपूर्ण लेख का उत्तर दिया गया है, साथ ही आप जानेंगे कि बेरोजगारी के कारण, निवारण और प्रकार क्या-क्या है?
बेरोजगारी से आप क्या समझते हैं?
बेरोज़गारी एक ऐसी स्थिति है जब प्रचलित मज़दूरी की दर पर काम करने के इच्छुक लोग रोज़गार नहीं पाते हैं। जब व्यक्ति कार्य करने के लिए मानसिक तथा शरीरिक रूप से सक्षम होता है फिर भी उसे रोजगार नहीं मिलता है इसे बेरोजगारी कहा जाता है। वह व्यक्ति जो अपना जीवन व्यतीत करने के लिए तथा आय के लिए किसी भी प्रकार का कार्य नहीं करता हैं तथा हमेशा ही आर्थिक रूप से दुसरो पर आश्रित रहता है वह बेरोजगार कहलाता है। बेरोजगारी कई द्देशो की समस्या है और इसके कई कारण होते हैं।
ज्ञानग्रंथ का WhatsApp Channel ज्वाइन करिये!परिभाषा
जब किसी देश में कार्य करने वाली जनशक्ति अधिक होती है और काम करने की इच्छुक भी हो है परंतु उन्हें प्रचलित मजदूरी दर पर कार्य नहीं मिल पाता है इसे बेरोजगारी कहा जाता है।
राफिन तथा ग्रेगोरी के अनुसार,
’’एक बेरोजगार व्यक्ति वह व्यक्ति है जो वर्तमान समय में काम नहीं कर रहा, जो सक्रिय ढंग से कार्य की तलाश में है तथा जो वर्तमान मजदूरी पर काम करने के लिए उपलब्ध है।’’
बेरोजगारी निकालने का सूत्र
बेरोजगारी की संख्या = श्रम शक्ति – रोजगार लोगों की संख्या
बेरोजगारी की दर = बेरोजगारों की संख्या/श्रम शक्ति X 100
बेरोजगारी के प्रकार
ऐच्छिक बेरोजगारी
ऐच्छिक बेरोजगारी उसे कहते हैं जब किसी व्यक्ति को काम मिल रहा है परन्तु वह कार्य करने की इच्छा न रखता हो। अधिकतर सक्षम परिवार से सम्बन्ध रखने वाले युग ऐच्छिक बेरोजगारी को बढ़ावा देते हैं।
अनैच्छिक बेरोजगार
अहर कोई व्यक्ति आर्थिक रोप से सक्षम होना चाहता है तथा कार्य की तलाश में है फिर भी उसे कार्य न मिले इस स्थिति को अनैच्छिक बेरोजगार कहा जाता हैं। इस तरह की बेरोजगारी को खुली बेरोजगारी भी कहा जाता है।
संरचनात्मक बेरोजगारी
संरचनात्मक परिवर्तनों के कारण उत्पन्न होने वाली बेरोजगारी को संरचनात्मक बेरोजगारी कहते हैं। संरचना का अर्थ है कि देश में आर्थिक, मानवीय, भौतिक बदलाव आदि। इस तरह की बेरोजगारी आसानी से खत्म नहीं होती है और लम्बे समय तक बनी रहती है।
घर्षणात्मक बेरोजगारी
घर्षणात्मक बेरोजगारी उस बेरोजगारी को कहते हैं जो किसी व्यक्ति के द्वारा एक कार्य को बदल कर दुसरे कार्य की तलाश में जिस समय वह कार्य से विहीन रहता हैं यानिकी बेरोजगार रहता है। यह कुछ हफ्ते, महीने तक हो सकती हैं
छिपी बेरोजगारी
अगर कोई व्यक्ति कार्य कर रहा है परन्तु उसके द्वारा उत्पादकता शून्य हो उसे छिपी बेरोजगारी कहते हैं, ऐसे व्यक्ति कार्य में व्यस्त लगते हैं परन्तु किसी भी प्रकार का कार्य पूर्ण नहीं करते हैं इन्हें यदि काम से निकाल भी दिया जाएं तो संस्थान को कोई फर्क नहीं पड़ता है। यानी आवश्यकता कम लोगों की है लेकिन अधिक व्यक्ति काम कर रहे है।
तकनीकी बेरोजगारी
तकनीकी बेरोजगारी मशीनों के कारण उत्पन्न होती है क्योकि संस्थान कर्मचारियों की जगह मशीनों का उपयोग करने लगते हैं तथा इसी कारण श्रमिक बेरोजगार हो जाता है।
मौसमी बेरोजगारी
इस तरह के बेरोजगारी अधिकांश कृषि के क्षेत्र में पायी जाती है।, क्योकि कृषि मौसम पर आधारित होती है। जो लोग जुताई, बुवाई, कटाई आदि कार्य करते हैं वो हर समय इस कार्य को नहीं कर सकते हैं और कार्य न होने पर वे बेरोजगार हो सकते हैं।
शिक्षित बेरोजगारी
शिक्षित होने पर भी कार्य न मिलने के कारण जो बेरोजगारी उत्पन्न होती है उसे शिक्षित बेरोजगारी कहते हैं। व्यक्ति शिक्षा पर अत्यधिक खर्च करता है जिस फिर भी उसे रोजगार नहीं मिल पाता है।
औद्योगिक बेरोजगारी
उद्योगों से सम्बन्धित बेरोजगारी औद्योगिक बेरोजगारी कहलाती है, उद्योग में पूंजी की कमी के कारण. हडताल के कारण, उद्योग के कर्मचारी बेरोजगार हो जाते हैं यह औद्योगिक बेरोजगारी के अंतर्गत आता है।
चक्रीय बेरोजगारी क्या है
आर्थिक सुस्ती, आर्थिक मंदी, तेजी तथा आर्थिक पुनरुत्थान के कारण चक्रीय बेरोजगारी उत्पन्न होती है, मंदी के कारण खपत में कमी आ जाती है और संस्थान कर्मचारियों को निलम्बित करने लगती हैं, यानिकी रोजगार में लगे हुए लोगों को रोजगार से हटा दिया जायेगा, यही चक्रीय बेरोजगारी होती है।
अक्षमता बेरोजगारी
जब कोई इंसान शारीरिक या मानसिक रूप से काम करने में असक्षम होता है तब ऐसी बेरोजगारी अक्षमता बेरोजगारी कहलाती है।
अल्प बेरोजगारी
किसी क्षेत्र में आवश्यकता से अधिक लोगों का नियोजन होना अल्प बेरोजगारी कहलाती है। इसके अलावा अल्प रोजगारी भी अर्थव्यवस्था को प्रभावित करता है. अल्प रोजगारी उसे कहते हैं जब व्यक्ति योग्यता से कम पद पर कार्य करें या योग्यता से कम सेलरी प्राप्त करें।
बेरोजगारी के कारण
- बढ़ती जनसंख्या
- अविकसित कृषि
- कौशल की कमी
- सामाजिक कारक
- मशीनों का अंधाधुंध प्रयोग
- कुटीर और लघु उद्योगों का पतन
- शिक्षा प्रणाली
- सरकारी योजनाएं
निवारण
- शिक्षा प्रणाली में बदलाव
- स्व-नियोजित लोगों को सहायता
- कृषि का विकास
- कौशल बढ़ाना
- सरकारी योजनाएं
- सूक्ष्म, लघु और माध्यम उद्योगों का विकास
- औद्योगिक तकनीक में बदलाव
- बेहतर सरकारी नीतियों की शुरूआत
FAQs
बढ़ती आबादी बेरोजगारी का मुख्य कारण है।
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