लाल बहादुर शास्त्री को एक सच्चे देश भक्त के रूप में जाना जाता है, जो इस देश के प्रधानमंत्री भी रह चुके हैं, इनके विचार काफी उच्च थे, यह हमेशा देश के हित में ही निर्णय लिया करते थे। स्वतंत्रता के समय भी इन्होने गाँधी जी के साथ कई आंदोलनों में हिस्सा भी लिया था। इनकी लोकप्रियता जितनी आज है उतनी ही उस समय भी थी जब यह प्रधानमंत्री थे पर इनके व्यक्तित्व में हमेशा सादगी ही झलकती थी और यह हमेशा साधारण जीवन ही जीते थे। इनके विचार प्रेरणादायक है तो आइये पढ़ते हैं लाल बहादुर शास्त्री के विचार (Lal Bahadur Shastri Quotes in Hindi)
लाल बहादुर शास्त्री के विचार (Lal Bahadur Shastri Quotes in Hindi)
अनुशासन और एकता ही किसी देश की ताकत होती है।
लोगों को सच्चा लोकतंत्र और स्वराज कभी भी हिंसा और असत्य से प्राप्त नहीं हो सकता।
हम सिर्फ खुद के लिए ही नहीं बल्कि पूरे विश्व की शांति, विकास और कल्याण में विश्वास रखते हैं।
हमें शांति के लिए उतनी ही बहादुरी से लड़ना चाहिए, जितना हम युद्ध में लड़ते हैं।
यदि कोई भी व्यक्ति हमारे देश में अछूत कहा जाता है तो भारत को अपना सर शर्म से झुकाना पड़ेगा।
आर्थिक मुद्दे हमारे लिए सबसे जरूरी है, जिससे हम अपने सबसे बड़े दुश्मन गरीबी और बेराजगारी से लड़ सके।
भ्रष्टाचार को पकड़ना बहुत कठिन काम है, लेकिन मैं पूरी गंभीरता से कहता हूं कि अगर हम इस समस्या को गंभीरता से और दृढ़ संकल्प के साथ नहीं निभाते हैं तो हम अपने कर्तव्य में असफल होंगे
Lal Bahadur Shastri Thoughts in hindi
कानून का सम्मान किया जाना चाहिए जिससे हमारे लोकतंत्र की बुनियादी संरचना बरकरार रहे और मज़बूत बने।
हमें फिर से शांति के लिए पुरी हिम्मत और साहस से लड़ने की जरुरत है। जैसे की हम आक्रमकता के खिलाफ लढे थे।
आज़ादी की रक्षा केवल सैनिकों का काम नही है। पूरे देश को मजबूत होना होगा।
देश की तरक्की के लिए हमे आपस में लड़ने के बजाय गरीबी, बीमारी और अज्ञानता से लड़ना होगा.
जैसा मैं दिखता हूँ उतना साधारण मैं हूँ नहीं।
यदि कोई एक व्यक्ति भी ऐसा रह गया जिसे किसी रूप में अछूत कहा जाए तो भारत को अपना सिर शर्म से झुकाना पड़ेगा।
हर कार्य की अपनी एक गरिमा है और हर कार्य को अपनी पूरी क्षमता से करने में ही संतोष प्राप्त होता है।
अगर एक आदमी भी बोल दे की वो छुआछूत से पीड़ित से तो भारत को शर्म से सर झुका देना चाहिए।
क़ानून का सम्मान किया जाना चाहिए ताकि हमारे लोकतंत्र की बुनियादी संरचना बरकरार रहे और, और भी मजबूत बने।
आर्थिक मुद्दे हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण हैं और यह सबसे महत्वपूर्ण है कि हमें अपने सबसे बड़े दुश्मनों – गरीबी, बेरोजगारी से लड़ना चाहिए.
हम सिर्फ अपने लिए ही नहीं बल्कि समस्त विश्व के लिए शांति और शांतिपूर्ण विकास में विश्वास रखते हैं।
लोगों को सच्चा लोकतंत्र या स्वराज कभी भी असत्य और हिंसा से प्राप्त नहीं हो सकता है।
यदि कोई एक व्यक्ति को भी ऐसा रह गया जिसे किसी रूप में अछूत कहा जाए तो भारत को अपना सर शर्म से झुकाना पड़ेगा।
कानून का सम्मान किया जाना चाहिए ताकि हमारे लोकतंत्र की बुनियादी संरचना बरकरार रहे और हमारा लोकतंत्र भी मजबूत बने.
दोनों देशों की आम जनता की समस्याएं, आशाएं और आकांक्षाएं एक समान है। उन्हे लड़ाई – झगड़ा और गोला – बारूद नहीं , बल्कि रोटी, कपड़ा और मकान की आवश्यकता है।
मैं किसी दूसरे को सलाह दू और मैं खुद उस पर अमल ना करू तो मैं असहज महसूस करता हु।
देश के प्रति निष्ठा सभी निष्ठाओं से पहले आती है और यह पूर्ण निष्ठा है क्योंकि इसमें कोई प्रतीक्षा नहीं कर सकता कि बदले में उसे क्या मिलता है।
स्वतंत्रता का संरक्षण करना, केवल सैनिकों का कार्य नहीं है। इसके लिए पूरे देश को मजबूत होना होगा.
जो शाशन करते हैं उन्हें देखना चाहिए कि लोग प्रशाशन पर किस तरह प्रतिक्रिया करते हैं, अंततः, जनता ही मुखिया होती है।
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