पंडित अजय देशमुख के अनुसार भगवान की पूजा करते समय उनके मुख की दिशा बहुत महत्व रखती है, यदि हम भगवान के मुख की दिशा वास्तु के अनुसार नही रखेंगे तो नकारात्मक ऊर्जा हमारे आप पास ही रहेगी और यह बिलकुल भी शुभ नही होता है। हम प्रतिदिन भगवान की पूजा करते हैं और यदि वह वास्तु के हिसाब से ना हो तो हमे उसके उचित परिणाम नही मिलते हैं। इसलिए हमे इस बात का ध्यान रखना चाहिए की हमारे घर में स्थापित भगवान का मुख वास्तु के अनुसार हो।
तो आइयें जानते हैं कि भगवान का मुख किस दिशा में होना चाहिए? (Bhagwan Ke Mukh ki Disha)
भगवान का मुख किस दिशा में होना चाहिए?
शास्त्रों के अनुसार मंदिर की दिशा ईशान कोण अर्थात उत्तर-पूर्व में होनी चाहिए, जब हम पूजा करे तब हमारा मुख पूर्व या पश्चिम दिशा में हो सकता है एवं भगवान का मुख पूर्व और पश्चिम दिशा है तो यह ज्यादा उचित होता है। सही दिशा में मुख कर पूजा करने से आपके द्वारा की जा रही पूजा का महत्व बड़ जाता है। बुरी शक्तियाँ आपको परेशान नही करती है और आप अप्रिय घटनाओं से बचे रहते हैं। हर किसी को वास्तु के अनुसार पूजा पाठ करना चाहिए, एक समर्द्ध और सफल जीवन के लिए भगवान की आराधना करना बहुत ही जरुरी है इससे मन शांत रहता है घर में भक्तिमय वातावरण बना रहता है।
मंदिर बनाते समय इन बातों का ध्यान रखें
- भगवान का मुख पूर्व या पश्चिम दिशा हो इस बात का ध्यान रहे।
- मंदिर के आप पास अँधेरा ना रहे।
- शोचालय के आसपास मंदिर ना बनाए।
- मंदिर की जगह साफ़ सफाई आसानी से हो सके और कचरा इकट्ठा न हो पाए।
- यदि हो सके तो मंदिर ऐसी जगह पर हो जहा सूर्य की किरणे पहुचती हो।
FAQs
भगवान का मुख हमेशा पूर्व दिशा में होना चाहिए।
शनिवार, रविवार और गुरुवार का दिन पूजा घर की सफाई करना चाहिए।
कुछ और महत्वपूर्ण लेख –
- रघुपति राघव राजा राम में कौन सा अलंकार है
- गणेश जी का मुख किस दिशा में होना चाहिए
- घड़ी किस दिशा में लगानी चाहिए
- गणेश जी को तुलसी क्यों नहीं चढ़ती? जानिए क्या है इसके पीछे की कथा।
- Satyanarayan Katha Samagri List – सत्यनारायण कथा सामग्री लिस्ट
- लाफिंग बुद्धा किस दिन खरीदना चाहिए?