भगवान शिव की पांच पुत्रियों के नाम


देवों के देव “महादेव” के बारे में जितना भी हम जानते हैं कम ही है। शिव के पुत्र अर्थात श्री गणेश, कार्तिकेय एवं पुत्री अशोकसुन्दरी के बारे में तो सभी को ज्ञात होगा। परन्तु क्या आप जानते हैं कि इनके अलावा भी शिवजी की पांच पुत्रियां और हैं।  यदि आप नहीं जानते तो हम बताते हैं आपको भगवान शिव की पांच पुत्रियों के नाम और उनकी उत्पत्ति की कथा। 

भगवान शिव की पांच पुत्रियों के नाम

भगवान शिव की पांच पुत्रियां जो नाग कन्याओं के नाम से जानी जाती हैं, उनके नाम क्रमशः

  • जया,
  • विषहर,
  • शामिलबारी,
  • देव और
  • दोतलि है। 

शिव पुराण में लिखित कथा के अनुसार, एक समय भगवान शिव और माता पार्वती सरोवर में ध्यान मग्न थे। उसी समय भगवान शिव के मुख पर एक मंद मुस्कान आई। उस मुस्कान से 5 मोती सरोवर में झड़ कर गिर गए। उन पांच मोतियों से पांच कन्याओं का जन्म हुआ, लेकिन यह कन्याएं मनुष्य रूप में होने के स्थान पर नाग रूप में जन्मी थी। इसलिए इन्हे नाग कन्या भी कहा जाता है। माता पार्वती इस बात से अनजान थी परन्तु भगवान शिव सर्वज्ञ हैं उन्हें इस बारे में पूरी जानकारी थी।

भगवान शिव अपनी अन्य संतानों की ही तरह नाग कन्याओं को भी बहुत प्रेम करते थे और इन पांच नाग पुत्रियों के साथ नियमित रूप से भोर काल के ब्रह्म मुहूर्त में खेलने भी जाते थे। इस बात की जानकारी माता पार्वती को न थी। जब माता पार्वती को उन कन्याओं के बारे में पता चला तब वे उन कन्याओं को मारने के लिए तत्पर हुई। उस समय भगवान शिव ने माता को उन कन्याओं के बारे में बताया। शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव ने अपनी पुत्रियों को विशेष वरदान दिया है। इस वरदान के अनुसार, जो भी व्यक्ति भगवान शिव की पूजा के साथ साथ उन नाग कन्याओं की भी पूजा करेगा, उसके परिवार को कभी भी सर्पदंश का भय नहीं रहेगा। इसके साथ ही इन नाग देवियों की कृपा से कभी भी धन-धान्य में कमी नहीं होगी।

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