भारतीय कृषि को मानसून का जुआ क्यों कहते हैं?

भारतीय कृषि को मानसून का जुआ क्यों कहते हैं?

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By Shubham Jadhav

क्या आप जानते है कि भारतीय कृषि को मानसून का जुआ क्यों कहते हैं? अगर नही तो इसका उत्तर आपको इस लेख में मिल जाएगा। इसे आखिर तक जरुर पढ़े और अपने मित्रो के साथ साझा करना ना भूले।

भारतीय कृषि को मानसून का जुआ क्यों कहते हैं?

भारतीय कृषि को मानसून का जुआ कहा जाता है क्योकि वर्षा ही कृषि का आधार होती है यदि कम बारिश होती है तो अच्छी फसल नही होगी और यदि ज्यादा बारिश हो जाती है तो भी फसलो के खराब होने की सम्भावना रहती है। मानसून की वजह से ही कृषि के क्षेत्र में पानी की आपूर्ति हो पाती है तथा पानी ही तालाबो और नहरों में पानी के स्तर को बनाए रखता है जो पशुपालन और सिंचाई के लिए बहुत जरुरी है। भारत में कृषि अर्थव्यवस्था का मुख्य भाग है साथ ही बिना कृषि के खाद्य पदार्थो की पूर्ति होना संभव नही है। सामान्य बारिश और अच्छे मानसून की वजह से ही किसानो को सूखे तथा बाढ़ जैसी समस्याओ का सामना नही करना पड़ता है। आज के आधुनिक युग में किसानो को मौसम से सम्बन्धित जानकारी मुहिया कराई जाती है ताकि को कृषि से सम्बन्धित फैसले ले सके।

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