आज के युग में लोगों को शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार का तनाव होता है। इस तनाव से आराम पाने के लिए उन्हें हफ्ते में एक छुट्टी दी जाती है। आइये जानते हैं कि भारत में रविवार की छुट्टी की शुरुआत कब हुई?
भारत में रविवार की छुट्टी की शुरुआत कब हुई?
भारत में रविवार को छुट्टी का आगाज़ अंग्रेज गवर्नर जनरल ने 1843 में करवाया था। इसके बाद 1844 में स्कूल और कॉलेज में भी रविवार को अवकाश रखा जाने लगा। भारत में रविवार की छुट्टी की कहानी मजदूरों से जुड़ी हुई है। 1857 में मजदूरों के नेता मेघाजी लोखंडे ने मजदूरों के हक में कहा कि मजदूरों को साप्ताहिक छुट्टी मिलना चाहिए ताकि वे अपनी थकान और तनाव दोनों मीटा सकें। मजदूरों के नेता का उद्देश्य मजदूरों की थकान को मिटाने के साथ मजदूरों को खुद के लिए समय निकालने देने का भी था। इन्हीं की कोशिश के चलते ब्रिटिश शासन ने 10 जून, 1890 को सबके लिए रविवार के दिन छुट्टी घोषित कर दी। ईसाईयों में रविवार को लेकर अलग मान्यता है वे इस दिन को इसलिए छुट्टी मानते हैं क्योंकि रविवार के दिन लोगों ने इसा मसीह को जीवित देखा था। ईसाईयों में इस दिन को ईस्टर संडे के रूप में मनाया जाता है।
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