चाय पसंद करने वालो को सबसे ज्याद सुकून चाय पीने में ही आता है। अक्सर चाय की दुकान वह जगह होती है जहां दोस्तों की महफिल लगती है और एक मस्ती भरा माहोल बनता है। चाय Lover कभी भी चाय को मना नहीं करते हैं किसी भी मौसम में और किसी भी समय वह चाय पीने के लिए तैयार रहते हैं। उनकी सुबह भी चाय से होती है और शाम भी चाय से ही होती है। खासकर बरसात के मौसम में गरमा गर्म चाय पीने का अलग ही आनंद होता है। अगर आप भी चाय लवर है और चाय शायरी की तलाश में हैं तो आपको इस आर्टिकल में चाय शायरी (Latest Chai Shayari, Chai Status in Hindi, Chai Quotes in Hindi, Tea Status) मिल जाएंगी।
चाय पर बेहतरीन शायरी
हलके में मत लेना तुम सावले रंग को दूध से कहीं ज्यादा देखे है मैंने शौक़ीन चाय के।
जज्बातों जरा सरक कर बैठों, आज चाय पर इतवार को बुलाया है।
Best Quotes on chai
एक चाय फीकी सी हो जाए, तुम्हारी मीठी-मीठी बातों के साथ।
चाय पर शायरी और स्टेटस
मोहब्बत हो या चाय, एकदम कड़क होनी चाहिए।
बैठे चाय की प्याली लेकर पुराने किस्से गरम करने चाय ठंङी होती गई और आंखें नम।
मैंने देखा ही नहीं कोई मौसम, मैंने चाहा है तुम्हें चाय की तरह।
सर्दी में चाय सी हैं तुम्हारी यादे, जितना मिले कम लगती यहीं।
सर्दियों के बस दो ही जलवे, तुम्हारी याद और चाय।
सुनो … सुबह खड़ी है चौखट पर, तुम रात को ठीक से रवाना तो कर दो … चाय भी तैयार है सज धज के …. तुम बस आने का कोई बहाना तो कर दो …
वो पल भी कोई पल है, जिस पल में तेरा एहसास न हो, वो चाय फिर चाय कैसी जिसमें तेरे होंठो सी मिठास न हो।
हम तुम शायरी और एक कप चाय, ख्वाब भी देखो जाना मेरे कितने हसीन है।
तेरी यादों का नशा है मुझे चाय की तरह, सुबह सबसे पहले तेरी ही याद आती है।
आज फिर चाय की मेज़ पर एक हसरत बिछी रह गयी, प्यालियों ने तो लब छू लिए केतली देखती रह गयी।
रिवायतें बदल गई है, दोस्ती निभाने की … अब शर्ते लगती है तो भी चाय पिलाने की।
हर रिश्ता प्यार वाला हो जरुरी नहीं, कुछ रिश्ते चाय वाले भी होते है।
लोगों को मिलता होगा सुकून इश्क में , हमें सुबह सुबह बिना चाय के चैन नहीं मिलता …
चाय की चुस्की के साथ अक्सर कुछ गम भी पीता हूं, मिठास कम है जिंदगी में मगर जिंदादिली से जीता…
कभी चाय पर मिलों तो बताएं हाल हमारा… तुम्हें क्या पता, कितने बेहाल है हम।।
यादों में आप और हाथ में चाय हो, फिर उस सुबह की क्या बात हो।
इश्क़ और सुबह की चाय दोनों एक समान होती हैं, हर बार वही नयापन, हर बार वही ताज़गी।
ज़िन्दगी वही जीते है, जो गर्मी में भी चाय पीते है।
कुछ इस तरह से शक्कर को बचा लिया करो, चाय जब पीयो हमें जहन में बैठा लिया करो।
आधी रात और गहरे साये, खाली कुर्सी मैं और चाय।
मिलो कभी चाय पर फिर क़िस्से बुनेंगे.. तुम ख़ामोशी से कहना हम चुपके से सुनेंगे।
इश्क चाय का इस कदर हावी है, दिमाग ताला है और चाय चाबी है।
जिसका हक है उसी का रहेगा मौहब्बत चाय नही जो सबको पिला दी जाए।
हमें तुमसे इतनी मोहब्बत है जितनी काली चाय को दूध से।
उफ्फ चाय की तरह चाहा है मैने तुझे और तुने बिस्कुट की तरह डुबो दिया अपनी यादो मे मुझे।
मेरी तो बस एक ही राय है, दुनिया की सबसे बेहतरीन चीज चाय है।
सुना है सर्दियो में चाय पिलाना बड़े पुण्य का काम होता हैं? कौन कौन पुण्य करेगा आज?
महफ़िल में जो मिले इंकार तो नहीं मगर, तन्हाई में अक्सर मैंने चाय से वफा मांगा है।
कुछ लोग मुझे चाय के लिए बदनाम कहते हैं, पर उन्हें क्या पता बदनाम में भी एक नाम है।।
चाय के कप से उड़ते धुंए में मुझे तेरी शक़्ल नज़र आती है तेरे इन्ही ख़यालों में खोकर, मेरी चाय अक्सर ठंडी हो जाती है।
मुकम्मल इश्क़ में तुम दूध बनो, मै चाय की पत्ती … और रोज सुबह कोई आएं बिना साजिश हमें मिला के चला जाएं।।
चर्चा नशें की हो रही थी, मैं जिक्र चाय का कर आया।।
सुबह शाम की चाय से हो गये हो तुम, हर वक्त तुम्हारी ही तलब रहती है।
ये बारिश का मौसम, और तुम्हारी याद चलो फिर मिलते है, एक कप चाय के साथ।
सिर्फ मुझे ही नहीं इन चाय की कपो को भी लगी हैं लत तेरे होठों की।
चाय पीते वक्त चर्चा और गर्लफ्रेंड बनाते वक्त खर्चा हम बिल्कुल नहीं करते है, इसलिए खुश रहते है।
ये खामोश से लम्हें ये गुलाबी ठंड के दिन, तुम्हें याद करते-करते एक और चाय तुम्हारे बिन।
उसके गालों का, रंग चाय जैसा था फिर क्या… आंख बन्द की और चुस्की ले ली।
एक अजीम तोहफा है चाय भी, सिर्फ ये बात चाय पीने वाले ही जानते है।
आदत नहीं कुछ, लाइलाज बीमारी है, चाय से मेरी कुछ इस कदर यारी है।
किसको बोलू हेलो, किसको बोलू हाय, हर टेंशन की बस एक ही दवा अदरक वाली चाय।
आज लफ्जों को मैने शाम की चाय पे बुलाया है. बन गयी बात तो ग़ज़ल भी हो सकती है।
जितना अच्छा तुम मुंह बनती हो, काश तुम चाय भी उतना ही अच्छा बनाती।
बहुत दुर मंज़िल है, थोड़ा आराम हो जाए, चलो दो पल साथ बिताते है, एक कप चाय हो जाए।
ज्यादा बड़ा शायर नहीं हूँ में बस चाय को मोहब्बत लिख दिया करता हूँ।
आशिको की आशिक़ी, वो यारों की यारी है.. वो सिर्फ चाय नहीं, हमारी मुलाकात की पहली तैयारी है।
मैं पीसती रही इलायची, अदरख, दालचीनी पर महक चाय से तेरी यादों की आयी!
ये चाय की मोहब्बत तुम क्या जानो, हर घूंट में सोचते हैं आपको बड़ी तसस्ली के साथ।
हाथ में चाय और यादों में आप हो, फिर उस खुशनुमा सुबह की क्या बात हो।
ठण्ड का मौसम हो और किसी की यादे हो सीने में, फिर ऐसे मौसम में मजा आता है गर्मा गरम चाय पीने में।
चाय भर कर टपरी वाले ग्लास में, अब भी बैठा हूं तेरे आने की आस में …!!
सर्दी का मौसम, ठंडी हवा और गरम चाय।
कभी आओ ना मेरे घर चाय पर बैठ साथ बाते करेगे मेरी कुछ तुम्हारी।
कम्बख्त चाय को मेरी लत लग गयी हैं चाहती हैं मेरे होठो से लगाना ना जाने कैसा सुख मिलता हैं मेरी जीभ जला कर।
दर्द दो तरह के होते हैं … एक कोई वादा करके आपको चाय ना पिलाएं … दूसरा कोई आपकी चाय पी जाएं।।
अब मैं तुझको नही सोचता अब मैं चाय गर्म ही पीता हूं।
सभी सिसकियों की हाय लाया हूं, अहल-ए-गम बैठों जरा मैं चाय लाया हूं।
एक आलस भरी चाय, एक देखी हुई फ़िल्म, एक सुस्त झपकी, एक अधपढ़ी किताब में गुज़र गया….. एक हफ़्ते किश्त भर कर ख़रीदा था रविवार, अभी तो आया था न जाने किधर गया।
लहजा थोड़ा ठडां रखे साहब… गर्म तो हमें सिर्फ़ चाय पसदं है।
गम-ए-इश्क़ को कुछ इस कदर भुला आया, मैं पुराने दोस्तों के साथ अदरक वाली गर्म चाय पी आया।
अब तो चाय को भी खुद पर गुरुर होता है, बखूबी जानती है वो हम पर उसका सुरूर होता है।
चाय के नशे का आलम तो कुछ यह है गालिब कोई राई भी दे तो अदरक वाली बोल देते है
मेरा राब्ता उससे वैसा है, जैसा चाय पत्ती का दूध से होता है … चाय पत्ती दूध को चाय बनाकर बाहर ही छन जाती है।।
चाय दूसरी एसी चीज़ है, जिससे आंखें खुलती है धोखा अभी भी पहले नम्बर पर है।
मायूस चेहरे उस वक्त खिलेंगे, जब सारे दोस्त एक साथ चाय पर फिर मिलेंगे।।
मेने खूबसूरत लोगों को सावंली चाय पे मरते देखा है शायद इसलिए इश्क़ नाम रख दिया लोगों ने चाय का।
ज़िम्मेदारियां मजबूर कर देती है अपना शहर छोड़ने को, वरना कौन घर की चाय पीना नहीं चाहता।।
सुनो तुम चाय अच्छी बनाती हो, पर मुंह बनाने में भी तुम्हारा कोई जवाब नहीं।
ना तख्त चाहिए ना ताज चाहिए, मुझे मेरी ‘चाय’ और ‘चाह’ का हिसाब चाहिए।
मुसीबत में दोस्त को, और गर्मी में चाय को जो छोड़ दें … उनका भरोसा ना करें ।।
उन्होंने कहा चाय में चीनी कितनी लीजियेगा, हमें कहा बस एक घूट पी के दीजिये।
आपकी एक चाय, इस शाम पर उधार है फ़ुर्सत मिले तो एक हल्की सी हंसी के साथ कभी पिला जाना।
कभी कभी लगता है यह दुनिया छोड़कर चला जाऊं, लेकिन फिर कमबख्त चाय की याद आ जाती है …
हर सुबह तेरे इंतज़ार में गुजरती है, जब तुझसे मुलाकात होती है तो बड़ा सुकून सा मिलता है।।
अर्ज किया है … भाड़ में जाए दुनियादारी … सबसे प्यारी चाय हमारी।।
ज़िन्हे चाय से लगाव होता है उसके दिल में जरूर घाव होता हैं।
खुशबू हो तुम और नशा भी, महका भी देती हो और बहका भी …
ठंड बहुत है, कोई ज्ञान नहीं बांटेगा.. जिसको बांटनी है चाय बांटो।
जैसे जैसे इन सर्दियों में कोहरा हुआ, चाय के साथ मेरा इश्क ओर गहरा हुआ।।
जानलेवा है उसका सांवला रंग और मैं कड़क चाय का शौक़ीन भी हूं।
ना चाय लेते है ना काफी लेते है हम तेरे इश्क के मरीज है सुबह उठते ही तेरा नाम लेते।
जिदंगी असली वही जीते है, कैसा भी हाल हो वो बस चाय पीते है।
जब ये लब चाय और तेरे लबों को छू लेते है, तो हम एक पल में सदियां जी लेते है।
माँ के हाथ की बनी चाय पीये हुए कई साल गुज़र गए, चाय का वो स्वाद तो मिल गया लेकिन वो प्यार नहीं।
रोजाना का इंतज़ार वही वक़्त और ऐसी तलब, चाय की प्याली से भी एक रिश्ता बन जाता है।
चस्का जो लग जाएं एक बार तो हर दफ़ा काम आएगी, चाय है यारों मोहब्बत नहीं जो बेवफा हो जाएगी।
मेरी चाय आज फिर से ज़्यादा मीठी हो गई, कितनी बार कहा है कि बार बार तुम याद ना आया करो।
मेरा हर सिर दर्द दूर भाग जाता है, जब जब चाय का नाम आ जाता है।
हम तुम शायरी और एक कप चाय, ख्वाब भी देखो जाना मेरे कितने हसीन है।
जब सुबह-सुबह तेरे प्यार के नग्में को गुनगुनाता हूं, लब मुस्कुराते है जब चाय का कप उठाता हूं।
अब ना ही किसी का दिल दुखाएंगे, अब ना ही किसी पर हक़ जताएंगे, अब यूंही चाय पीकर 4 दिन की जिन्दगी बिताएंगे …
हर घुट में तेरी याद बसी, कैसे कह दूँ चाय बुरी हैं।
चाय, शायरी और तुम्हारी यादे भाते बहुत हो. दिल जलाते बहुत हो।
Boyzzz के लिए चाय बना रही हूं, जहर कितनी चम्मच डालू।
प्रिय तापमान, शर्म आती है तुम पर, कितने गिर गए हो तुम… तुम्हारे गिरने की वजह से मेरी चाय ठंडी हो गई!!
उफ़्फ़ ये बारिश…. एक कप चाय…. और कुछ पुरानी यादें…. तीनो का लुत्फ़ एक साथ…. ऐसे खो जाना अच्छा लगता है मुझे….
tea lover quotes in hindi
न चाय से हुई, न कॉफ़ी से हुई, हमारी दोस्ती की शुरुआत टॉफ़ी से हुई।
खुद के लिए कुछ दिन अकेले ही जी लेना, किसी ओर के हाथ की नहीं, अपने हाथ की चाय बनाकर पी लेना।।
मैं शीतल सा कुल्लड़ हूं, तुम गर्म सी चाय प्रिय Good Morning
एक कप चाय दो दिलों को मिला देती है, एक कप चाय दिन भर की थकान मिटा देती है।
कड़क ठंडक में कड़क चाय का मज़ा शराबी क्या जाने चाय का नशा।
हलके में मत लेना तुम सावले रंग को, दूध से कहीं ज्यादा देखे है मैंने शौक़ीन चाय के।
सुकूं की नींद का तालिब था एक मुद्दत से मैं उसकी चाय में गांजा मिला के लौट आया।
छोड़ जमाने की फ़िक्र यार, चल किसी नुक्क्ड़ पे चाय पीते है।
ना पूछो रिश्ता कैसा चाय से बन गया है, बेहद उम्दा लाजवाब बन गया है।
काश कि हम चाय हो जाते, वक्त बेवक्त तुम्हें याद तो आते।
मेरे जज्बातों का कोई तो सिला दो, कभी घर बुला के चाय तो पिला दो।
मैं बन जाऊंचाय की पत्ती, तुम बन जाओ शक्कर के दाने, कोई तो मिलाएगा हमें चाय पीने के बहाने !
अर्ज किया है … पूरे कायनात का सुकून जिसमें बसा है … चाय के हर चूंट में वो नशा है …
बातें काम हो तो चलता है मगर चाय का काम होना बुरा लगता है बस।
चाय पर चर्चा और चाय पर खर्चा कभी जाया नहीं जाता।
कलम, कागज़ और एक कप चाय हो, वक्त गुजारने का बस यही उपाय हो।
ये जो चाय से इतनी मोहब्बत है, कसम से ये सब तुम्हारी बदौलत है !
ना चांद ला पाऊंगा, ना सितारे तोड़ पाऊंगा … आम आदमी हूं यार, तुम्हें मेरे हाथ की चाय जरूर पिलाऊंगा।
आज तो चाय पीने आ जाओ इतनी धुंध में भला कौन दिखेगा।
एक चाय ही तो है जो हर शाम जीने का सहारा देती है वरना तेरे इंतज़ार में तो कब की मेरी जिंदगी की शाम ढल जाती।।
गरम चाय हो और चाय की प्याली हो, कोई खूबसूरत हसीना पिलाने वाली हो।
हो न हो कुछ तो खास बात है चाय की पत्ती में वर्ण दूध की तो औकात नहीं है रंग बदलने की।
बाते ना बनाये, बस चाय का आनंद उठाएं।
ख़बर तब फैली मोहल्ले में तेरे-मेरे इश्क़ की जब मेरे चाय .के कप पर तेरे होंठों के निशान मिले।
तीन ही शौक थे मेरे इक चाय, इक शायरी और तुम।
सारे रंगों से दूर हैं, फकत सांवले रंग की चाय का सुरूर हैं … !!
हम तो निकले थे घर से मौहब्बत की तलाश में, सर्दी बहोत लगी तो चाय पीकर वापस आ गए।।
ये “इश्क” गरम चाय कि तरह है दोस्त, फुंक कर पीना वरना “जल” जाओगे..
मान लो मेरी राय, इश्क से बेहतर है चाय।
चाय के बाद दूसरा रंग तुम्हारा है, जो मुझे साॅवला अच्छा लगता है।
कुछ लम्हे फ़ुर्सत के कुछ पल सुहाने कुछ चाय की गरमाहट कुछ ख़याल तुम्हारे।
दोबारा गर्म की हुई चाय और समझौता किया हुआ रिश्ता दोनों में पहले जैसी मिठास कभी नही आती।
चाय से हमेशा मोहब्बत है, और हमेशा रहेगी, चाहे पूरी दुनिया कॉफी के लिए मर मिटे !
चाय के उस कप के भी अलग मज़े है, सवेरा होते ही तेरे होठों को चूम लेता है …
जिंदगी के सफर में मेरी हर वक्त की फरमाइश हों तुम, मेरी पहली और आखिरी ख्वाहिश हो तुम …
कॉफ़ी में चाय मिलकर पीती है, आज भी वो किसी और के प्यार में जीती है।
गरम चाय और इश्क़ साहब हम तो कब का छोड़ चुके।
ठान लिया था कि अब और नहीं पियेगें चाय उनके हाथ की.. पर उन्हें देखा और लब बग़ावत कर बैठे।
दिल इन्सान का और कप चाय का, हमेशा बड़ा होना चाहिए..
तेरी यादों में मैं चाय बन जाऊं, तु बिस्किट बन जाएं और उसमें तुझे डूबा जाऊं।।
अगर चाय से सच मे मोहब्बत हो जाये, तो नींद रातो की उड़ जाती है।
चाय के साथ बिस्किट ने ये सबक तो दिया के किसी में इतना डूबोगे तो टूट जाओगे।
सुबह की चाय और बड़ो की राये, समय समय पर लेते रहना चाहिए।
दिल बहुत उदास है मशवरा चाहिए आपसे चाय लूं या बीयर।
एक तेरा ख़्याल ही तो है मेरे पास, वरना कौन अकेले में बैठे कर चाय पीता है।