हमारा देश लगातार हर क्षेत्र में उन्नति की ओर बढ़ रहा है। इसमें मेडिकल क्षेत्र भी सम्मिलित है। चिकित्सा जगत में वैसे तो प्राचीन काल से ही भारत आगे रहा है। यहां महर्षि सुश्रुत जैसे महान शल्य चिकित्स्क हुए हैं जिन्हें प्लास्टिक सर्जरी का जनक कहा जाता है। 2012 के पूर्व भारत में केवल एक ही एम्स हुआ करता था लेकिन केंद्र सरकार ने जबसे इस क्षेत्र में कार्य करना शुरू किया है एम्स की संख्या में वृद्धि होती जा रही है। आज के इस लेख में हम आपको बताने वाले हैं कि देश में कुल कितने एम्स (AIIMS) है?
देश में कुल कितने एम्स है?
भारत में कुल 19 एम्स हैं, जिनके नाम उनके स्थान और वर्ष के साथ निम्नलिखित रूप से दिए गए हैं :-
ज्ञानग्रंथ का WhatsApp Channel ज्वाइन करिये!- एम्स दिल्ली, दिल्ली, 1956
- एम्स भोपाल, मध्यप्रदेश, 2012
- एम्स भुबनेश्वर, ओडिशा, 2012
- एम्स जोधपुर, राजस्थान, 2012
- एम्स पटना, बिहार, 2012
- एम्स रायपुर, छत्तीसगढ़, 2012
- एम्स ऋषिकेश, उत्तराखंड, 2012
- एम्स रायबरेली, उत्तर प्रदेश, 2013
- म्स मंगलगिरी, आन्ध्र प्रदेश, 2018
- एम्स नागपुर, महाराष्ट्र, 2018
- एम्स गोरखपुर, उत्तर प्रदेश, 2019
- एम्स बीबीनगर, तेलंगाना, 2019
- एम्स भटिंडा, पंजाब, 2019
- एम्स कल्याणी, पश्चिम बंगाल, 2019
- एम्स देवघर, झारखण्ड, 2019
- एम्स राजकोट, गुजरात, 2020
- एम्स गुवाहाटी, असम, 2020
- एम्स बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश, 2020
- एम्स विजयपुर, जम्मू और कश्मीर, 2020
एम्स कल्याणी
कल्याणी एम्स की आधिकारिक घोषणा जुलाई 2014 में 2014-15 के बजट भाषण के दौरान हुई थी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बजट आवंटन में घोषणा की, जिसमें एक आंध्र प्रदेश में और दूसरा पश्चिम बंगाल में होगा। तीसरे एम्स में महाराष्ट्र का विदर्भ क्षेत्र शामिल था, जबकि पांचवें में उत्तर प्रदेश का पूर्वांचल क्षेत्र शामिल था। एम्स कल्याणी ने 04 सितंबर, 2019 को 50 एमबीबीएस छात्रों के एक समूह का नामांकन करते हुए अपना शैक्षणिक सत्र शुरू किया। इसके बाद, 27 जनवरी, 2021 को एम्स कल्याणी के स्थायी परिसर में एक ओपीडी की स्थापना की गई।
नागपुर
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, नागपुर, जो प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना (पीएमएसएसवाई) के तहत बजट भाषण 2014-15 में घोषित चार एम्स में से एक है, इसकी आधारशिला 14 अप्रैल 2017 को माननीय प्रधान मंत्री द्वारा रखी गई थी। इस अवसर पर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग तथा जहाजरानी मंत्री (भारत सरकार), श्री नितिन गडकरी भी उपस्थित थे। एम्स का प्राथमिक उद्देश्य स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता व देश में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा शिक्षा के लिए सुविधाओं में सुधार करना है।
एम्स मंगलगिरी
एम्स मंगलगिरी आंध्र प्रदेश में स्थित है। एम्स मंगलागिरी में 2018 में शुरू हुआ था, लेकिन शुरुआत में सेवाएँ सरकारी सिद्धार्थ मेडिकल कॉलेज, विजयवाड़ा में प्रदान की गईं। इसके बाद मार्च 2019 में मंगलागिरी के स्थायी परिसर में ओपीडी सेवाएं शुरू की गईं। कोरोना काल के दौरान 2020 के शुरुआती महीनों में कोविड रोगियों के लिए आईपीडी सेवा सीमित पैमाने पर शुरू की गई थी। 2018-19 बैच के एमबीबीएस छात्रों ने सिद्धार्थ मेडिकल कॉलेज में अध्ययन का पहला वर्ष पूरा किया।
एम्स रायबरेली
उत्तर प्रदेश के रायबरेली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को फरवरी 2009 में प्रधान मंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के चरण-द्वितीय के हिस्से के रूप में प्रधान मंत्री मनमोहन सिंह जी द्वारा मंजूरी दी गई थी। इस परियोजना को 823 करोड़ रुपये की लागत की मंजूरी दी गई थी, इस एम्स की आधारशिला 2013 में सोनिया और प्रियंका गांधी ने रखी थी, जुलाई 2013 में मंत्रालय द्वारा मेसर्स एचएचसी (इंडिया) लिमिटेड को परियोजना के लिए परियोजना प्रबंधन सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया था। 13 अगस्त 2013 को रायबरेली में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की स्थापना के लिए एक गजट अधिसूचना जारी की गई थी, उस दौरान अखिलेश यादव मुख्यमंत्री थे।
एम्स गोरखपुर
24 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल समारोह के जरिए गोरखपुर में एम्स का उद्घाटन किया। फिलहाल इस एम्स का 85.3 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। इस एम्स की स्थापना के बाद गंभीर मरीजों को अब तुरंत लखनऊ नहीं जाना पड़ेगा इसके बजाय, वे यही उपचार प्राप्त कर सकते हैं। बताया गया है कि ड्रग थेरेपी ओपीडी, सर्जरी ओपीडी, स्त्री रोग और प्रसूति ओपीडी, नाक, कान और गले की ओपीडी और दंत ओपीडी जैसी विभिन्न सुविधाएं अब सुलभ हैं।
एम्स बठिंडा
पंजाब के बठिंडा में स्थित इस एम्स की स्थापना 2019 में हुई थी, एम्स बठिंडा की योजना 177 एकड़ भूमि पर 750 बिस्तरों वाले चिकित्सा संस्थान के रूप में बनाई गई थी, जिसमें 10 विशेषज्ञता, 11 सुपर स्पेशलिटी विभाग और 16 ऑपरेशन थिएटर है। एम्स बठिंडा को पहले सत्र के लिए 50 एमबीबीएस सीटें आवंटित की गईं, जिनमें सामान्य श्रेणी के छात्रों के लिए 22 सीटें, ओबीसी के लिए 14, एससी के लिए 8, एसटी छात्रों के लिए 4 और विकलांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूडी) के लिए 2 सीटें आरक्षित है।
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