एकादशी का व्रत हिंदू धर्म में बहुत महत्व रखता है, इससे कई तरह के लाभ मिलते हैं और जीवन सुखद तथा आसान बनता है। हर महीने में कृष्ण पक्ष और शुक्ल कृष्ण पक्ष के दौरान एकादशी पर दो व्रत होते हैं। विभिन्न धर्मों के अलग-अलग नियम हैं, लेकिन हिंदू धर्म में एकादशी व्रत करने वाले को दशमी के दिन से कुछ नियमो का पालन करना पड़ता है। इस अवधि के दौरान कुछ कार्यों को वर्जित माना जाता है। आइए आगे जानें कि एकादशी के दिन क्या नहीं करना चाहिए?
एकादशी के दिन बहुत सी चीजो को अशुभ माना गया है पर हर किसी को इनके बारे में ज्ञान नहीं होता है और वह अनजाने में ही सही इन नियमो को नहीं मान पाते है। इस बात का ध्यान रखते हुए आज हम आपको उन बातो के बारे में बताने वाले हैं जो एकादशी के दिन नहीं करना चाहिए।
एकादशी के दिन क्या नहीं करना चाहिए?
- लकड़ी से दातुन न करें।
- स्त्री-प्रसंग (स्त्री-समागम) नहीं करना चाहिए।
- बाल, नाख़ून काटने से बचना चाहिए।
- एकादशी पर बैंगन और सेमफली नहीं खानी चाहिए।मांस, शराब या किसी भी नशीले पदार्थ का सेवन नहीं करें।
- व्रत नहीं खेलना चाहिए।
- चावल के सेवल भूल कर भी न करें।
- दो बार भोजन न न करें।
- एकादशी के दिन उपवास करने वाले व्यक्ति को गाजर, शलजम, पालक, इत्यादि का सेवन नहीं करना चाहिए।
- एकादशी के दिन पान नहीं खाना चाहिए।
- एकादशी का व्रत रखने वालों को दशमी के दिन मांस, लहसुन, प्याज आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।
- एकादशी के दिन झाड़ू नहीं लगाना चाहिए क्योकिं माना जाता है कि झाड़ू लगाने से छोटे जीवो की हत्या हो सकती है।
- किसी पेड़ के पत्ते को न तोड़े।
- कांसे के बर्तन में खाना नहीं खाना चाहिए।
FAQs
एकादशी की रात को भगवान विष्णु की भक्ति की जानी चाहिए।
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